प्रतिभागियों को ऑनलाइन जुड़ने का विकल्प दिया. मंगोलिया, बैंकॉक और ब्राजील से भी वक्ता मौजूद रहे फतह सिंह उजाला गुरूग्राम। राजकीय महाविद्यालय सेक्टर 9 गुरुग्राम एवं , के सहयोग से राजकीय महाविद्यालय सिधरावली के भूगोल विभाग ने वैश्वीकरण और शिक्षा के बदलते स्वरूप के विषय पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। जूम एप्प पर आयोजित इस सेमिनार का शुभारंभ सोमवार को सरस्वती वंदना तथा राजकीय महाविद्यालय सिधरावली की प्राचार्य डॉ महाश्वेता के आशीर्वचन से हुआ। जहाँ एक ओर प्रतिभागियों को ऑनलाइन जुड़ने का विकल्प दिया गया, वहीं दूसरी ओर दोनों महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को महाविद्यालय परिसर में सामाजिक दूरी तथा अन्य सावधानियों के साथ सामूहिक रूप से बड़े स्क्रीन पर सेमिनार में उपस्थित रहने का भी विकल्प दिया गया। बड़े स्क्रीन पर कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं संयोजन संगणक विज्ञान विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक तथा प्रौद्योगिकीय दक्षता के लिए विख्यात डॉ संजय कत्याल एवं उनकी टीम ने किया। सरस्वती वंदना के उपरांत दोनों कार्यक्रम स्थलों पर दीप प्रज्वलन किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एवं सेक्टर-9 महाविद्यालय के प्राचार्य सत्यमन्यु यादव जी ने अपने उद्बोधन से विषय की प्रासंगिकता पर सारगर्भित रूप से प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की। इसके उपरांत मुख्य वक्ता और गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रोफेसर करमपाल नरवाल जी ने अपना उद्बोधन दिया। इक्विटी एक्सेस, अफॉर्डेबिलिटी एवं अकाउंटेबिलिटी को शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। बदलते समय के साथ अपने विषय की समसामयिक जानकारियों से जुड़े रहकर उन्होंने शिक्षकों को अपडेट रहने का आह्वान किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि इस दौर ने हम सभी का ध्यान स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की ओर आकृष्ट किया है। साथ ही संसाधनों के सदुपयोग से सस्टेनेबल डेवलपमेंट की ओर भी हम सभी को प्रेरित किया है। उल्लेखनीय है कि इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में मंगोलिया, बैंकॉक और ब्राजील से भी वक्ता के नाते विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे, जिन्होंने विषय पर अपना दृष्टिकोण रखा। नई दिल्ली स्थित एनसीईआरटी के डिपार्टमेंट ऑफ टीचर एजुकेशन के भूतपूर्व प्रमुख प्रोफेसर एस के यादव जी, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के सहायक प्राध्यापक डॉ दिनेश चहल एवं राजकीय महाविद्यालय सेक्टर 9 गुरुग्राम की सहायक प्राध्यापिका डॉ ललिता गौड़ ने भी बदलते दौर में विद्यार्थियों के थॉट प्रोसेस अनुरूप शिक्षण पद्धति को डालने पर बल दिया। इस कार्यक्रम जूम एप पर तथा यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम संयोजक डॉ पीके मलिक एवं डॉ ललिता गौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित कर किया। Post navigation कोविड 19 से बचाव को पुलिसकर्मियों को शपथ दिलाई गई दलित हित की चिंता कोंग्रेस के लिए केवल ढोंग : कटारिया