10 लाख 90 हजार पाने की चाह में दोस्त की गला दबाकर की थी हत्या, फिर उसे जलाकर खुद भागा छत्तीसगढ़

एक्सिस बैंक से निकाली गई 10 लाख 90 हजार की राशि में से कुछ रकम उसने अपनी महिला मित्र को दे दी थी, जबकि कुछ उसने अपने पास रख ली थी

शनिवार सुबह हांसी पुलिस डाटा गांव के राममेहर को हांसी लेकर पहुंची। उसे पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने उसे सात दिन के रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस पूछताछ में राममेहर ने कबूल किया है कि कार में जो जली हुई लाश मिली थी, वह उसके ही गांव के 28 वर्षीय रमलू की थी। 6 अक्टूबर को वह गांव में गया था। वहां पर उसने रमलू के साथ शराब पी। उसके बाद वे एक ठेके पर शराब पीने चले गए। रात को वह रमलू को लेकर भाटला-महजद रोड पर चला गया। वहां जब रमलू को ज्यादा नशा हो गया, तब उसने हाथ से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी

उसके दिमाग में चल रही योजना के मुताबिक उसने गाड़ी में पहले से ही रखी एक पाइप से बोतल में गाड़ी का डीजल निकाला

उसके बाद तेल छिड़ककर गाड़ी को आग लगा दी। जिसमें रमलू का शव भी जल गया। 11 बजे इस वारदात को अंजाम देने के बाद वह पैदल ही ढाणी कुतूबपुर तक गया। वहां तक पहुंचने में उसे काफी समय लग गया। साढ़े चार बजे वह ढाणी कुतुबपुर पहुंचा। वहां पर उसने अपनी गाड़ी खड़ी कर रखी थी। इस गाड़ी से वह कुछ अन्य लोगों के साथ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पहुंचा। जिस गाड़ी का प्रयोग किया गया। वह गाड़ी उसकी एक महिला मित्र के नाम है

इस पूरे मामले में राममेहर की दो महिला मित्र भी सामने आई हैं। बिलासपुर में वह झुग्गी झोपड़ियों में उन लोगों के पास रहा, जो कभी इसकी डिस्पोजल की फैक्टरी में काम करते थे। उसने वहां पर बताया कि वह यहां पर जमीन खरीदने के लिए आया है। वहां पर उसने फोन के नए सिम खरीद लिए

जब वह अपनी महिला मित्रों के साथ बात करने लगा तो वह पकड़ में आ गया। एसपी लोकेंद्र सिंह ने शनिवार शाम को एक प्रैस कांफ्रेस कर बताया कि राममेहर पर डेढ से दो करोड़ रुपए का कर्ज था। जिसमें पीएनबी व एचडीएफसी बैंक सहित एक पर्सनल लोन की रकम शामिल है। इस कर्ज को चुकाने के लिए वह खुद को मरा हुआ दिखाकर एक करोड़ 60 लाख रुपए की बीमा राशि लेना चाहता था

उसकी सोच थी कि बीमा राशि मिलने के बाद उसके परिवार का सारा कर्ज उतर जाएगा। सोच रहा था कि कर्ज के चुंगल से निकलने के बाद उसकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। उसके बाद वह बाहर जाकर नई जिंदगी शुरू करना चाहता था

एसपी ने बताया कि राममेहर 13 एकड़ जमीन का मालिक है। उसके पास मकान, एक फैक्टरी व दुकान भी है। बिलासपुर तक वह तीन लोगों के साथ गया था

राममेहर का कहना है कि वह कर्ज से इतना तंग था कि वह आत्महत्या करने की भी सोच रहा था। कोरोना काल में उसकी फैक्टरी में काम बंद हुआ तो उसने जुलाई में डेढ़ करोड़ से अधिक राशि के बीमे करवा लिए

घाटे में चल रही थी डिस्पोजल की फैक्टरी, घाटे से उबरने के लिए रची थी खुद की हत्या व लूट की साजिश एक करोड़ 60 लाख रुपए की बीमा राशि हड़पने के लिए खुद की हत्या व 11 लाख रुपए की लूट का षडयंत्र रचने वाले डाटा गांव के राममेहर को पुलिस शनिवार सुबह साढ़े तीन बजे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से हांसी लेकर पहुंच गई है। उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसको सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है

आपको बता दें कि 35 वर्षीय राममेहर सात बहनों का इकलौता भाई है। सात बहनों के बाद पैदा हुए राममेहर का लालन-पालन बड़े ही लाड़-प्यार से हुआ था। पिता अभी जिंदा हैं और मां की मौत हो चुकी है। राममेहर ने हांसी में डिस्पोजल की फैक्टरी लगाई हुई है, जो काफी समय से घाटे में चल रही है। उसके काम धंधे सैट नहीं हो रहे। जिस वजह से वह काफी नुकसान उठा चुका है

राममेहर अब 13 एकड़ जमीन का मालिक है। काम-धंधों में घाटे की वजह से वह अपनी कुछ एकड़ कृषि भूमि भी बेच चुका है। माता-पिता, बहनों और भांजों ने उसे कामयाब करने के लिए काफी प्रयास किए। मगर उसके काम धंधे नहीं जमे। राममेहर महज दसवीं पास है। अधिक सूझबूझ न रखने की वजह से ही वह अब तक किसी भी धंधे में मुनाफा नहीं कमा पाया

राममेहर जिद्दी किस्म का भी बताया जा रहा है। क्योंकि जिस माहौल में उसका पालन पोषण हुआ है, परिजनों ने उसकी हर मांग पूरी की है। बताते हैं कि जब वह महज 12 साल का था, तब उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया था

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