हांसी, 6 फरवरी, 2024 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मूल रूप से गुजराती में लिखी पुस्तक का पंजाबी (गुरुमुखी) में अनुवाद “अख एह धन है” पुस्तक का आज 6 फरवरी, 2024 को दिल्ली में राष्ट्रीय अल्पअंख्यक आयोग के कार्यालय में विमोचन श्री सरदार इकबाल सिंह लालपुरा चेयरमैन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कर कमलों द्वारा किया गया। यह पुस्तक हरियाणा के हांसी से एडवोकेट नेहा धवन ने पंजाबी में अनुवाद की है।

यह पुस्तक स्वराज प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक का विमोचन कर इकबाल सिंह जी ने कहा कि भारत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की राजनीतिक शक्सियत से पूरा देश ही नहीं विश्व भी वाकिफ है। एक राजनेता के मन में एक लेखक, एक कवि भी छिपा है ये बात इस पुस्तक से सामने आया है। हांसी से एडवोकेट नेहा धवन ने इस पुस्तक को पंजाबी गुरुमुखी भाषा में अनुवादित कर पंजाब व पंजाबी भाषी लोगों के लिए एक सौगात दी है। बड़े रोचक और सरल रूप से इसका अनुवाद किया गया है। हालांकि मूल रूप से गुजराती में लिखी होने के बावजूद प्रधानमंत्री जी के मन के भावों राष्ट्रप्रेम, सत्य की खोज, प्रकृति के प्रति लगाव, जीवन के संघर्ष आदि को पंजाबी में नेहा धवन ने उकेरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पुस्तक को देखने के बाद यह स्पष्ट होता है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की राष्ट्र का विकास, राष्ट का चिंतन, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, जीवन के संघर्षों से सीख लेकर हार ना मानने की परिणीती उन्हें अवचेन में बैठे कवि हृदय से भी मिलती है।

इस पुस्तक के विषय में एडवोकेट नेहा धवन ने बताया कि यह मेरा सौभाग्य है की इस पुस्तक का 25 वीं भाषा का अनुवाद उन्हें पंजाबी में करने का अवसर मिला। और यह अवसर उन्हें गुजरात से डॉ. अंजना संधीर जी ने दिया जिन्होंने से इसे मूल गुजराती से हिंदी में अनुवादित किया मोदी जी के अनुरोध पर । नेहा धवन ने हिंदी से पंजाबी में किया और अब तक यह पुस्तक 24 अन्य भारतीय व अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनुवादित हो चुकी है। 25 वीं पुस्तक पंजाबी में है।

नेहा धवन ने बताया की माननीय प्रधानमंत्री जी के मन के भावों का अनुवाद करना ताकि उनके भाव, विचार, मनोस्थिति पाठकों तक यथावत स्वरूप में पहुंचे की जिम्मेदारी बहुत थी। मैं उनके कार्य के साथ संगत न्याय कर सकूं का दबाव भी था लेकिन इस पुस्तक की यात्रा मेरे लिए भी बहुत संजीदा रही। एक राजनेता, जनता के पसंदीदा, नव भारत की अवधारणा को सजीव करने का दमखम रखने वाले नेता की छवि से मैं भी अछूती नहीं थी। परंतु इस पुस्तक को हिंदी में 3 बार पढ़ने के बाद उनकी गहन सोच और विचार का, उनके पक्के इरादों का मोदी मन भी जानने का अवसर मिला। इस अवसर पर नेहा धवन जी के परिवार जन, वहां उपस्थित अतिथियों व डॉक्टर अंजना संधीर ने फोन के माध्यम से बधाई दी। इससे पहले एडवोकेट नेहा धवन ने अंतरराष्ट्रीय संस्था थिंक इक्वल के सौजन्य से लिंग समानता के विषय पर 23 पुस्तिकाओं का अंग्रेजी से पंजाबी अनुवाद कर चुकी है । यह पुस्तकें पंजाब राज्य के आंगनवाड़ी सेंटरों में पढ़ाई जा रही हैं।

error: Content is protected !!