गुरूग्राम जिला में 12 से लेकर 20 अक्टूबर तक बच्चों को एलबैंडाजोल की टैबलेट खिलाई जाएंगी

गुरूग्राम, 07 अक्टूूबर। गुरूग्राम जिला में 12 से लेकर 20 अक्टूबर तक घर-घर जाकर 1 से 19 साल तक के बच्चों को एलबैंडाजोल की टैबलेट खिलाई जाएंगी। इस कार्य के लिए जिला प्रशासन द्वारा एएनएम, आंगनवाड़ी वर्करांे, आशा वर्करों सहित अन्य स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है। 

यह जानकारी आज अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार ने अपने कार्यालय में आयोजित बैठक के दौरान दी। उन्होंने कहा कि नेशनल डी-वार्मिंग-डे के तहत आयोजित किए जाने वाले इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य लाइन विभागों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में जरूरी है कि विभाग इसे गंभीरता से लेते हुए अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार यह अभियान पहले की अपेक्षा चुनौतीपूर्ण रहेगा लेकिन हमें आवश्यक सावधानी व ऐहतियात बरतते हुए इसे सफल बनाना है। इस दौरान टीमें कोरोना संबंधी हिदायतों व कोविड प्रोटोकाॅल की पालना सुनिश्चित करें। उन्होंने बैठक में उपस्थित विभाग प्रमुखों को निर्देश देते हुए कहा कि वे इस अभियान के तहत अधिक से अधिक बच्चों व युवाओं को कवर करने का प्रयास करें।

  उन्होंने बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्कूलों व काॅलेजों के बंद होने के कारण इस बार एलबैंडाजोल की गोलियां घर-घर जाकर बच्चों को खिलाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग बच्चों को जागरूक करने के लिए उन द्वारा बनाए गए वाॅट्सएप गु्रप पर इस अभियान संबंधी सूचना का आदान-प्रदान करें। उन्होंने बैठक में सभी विभाग प्रमुखों से अपील करते हुए कहा कि वे इस अभियान को सफल बनाने में अपना सहयोग दें और यदि इस दौरान उन्हंे कोई परेशानी या संशय हो तो तुरंत उच्च अधिकारियों से संपर्क करें। उनकी समस्या का तत्परता से समाधान किया जाएगा।

बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव ने कहा कि इस अभियान के तहत सभी आवश्यक इंतजाम पूरे करते हुए टीमें गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि ये टैबलेट बच्चों को खाली पेट नहीं खिलानी है, इसलिए टीम बच्चों को ये टैबलेट देने से पहले सुनिश्चित कर लें कि बच्चें ने ठीक से खाना खाया हुआ हो। इस दवाई के सेवन से बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि दवा खिलाने तथा अभियान के तहत कोविड प्रोटोकाॅल की पालना को लेकर ड्यूटी पर तैनात किए जाने वाले आंगनवाड़ी वर्करों, आशा वर्करों तथा एएनएम को पहले टेªनिंग दी जाएगी। कंटेनमेंट जोन तथा बीमार बच्चों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। इस बार जिला में 4 लाख 61 हजार 534 बच्चों को एलबैंडाजोल खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।     

बैठक में उप सिविल सर्जन डा. सुनीता राठी, आशा काॅर्डिनेटर रशमी, फार्मासिस्ट अनिल कुमार, मैनेजर डीईआईसी सोनिया हंस तथा अडोलोसैंट हैल्थ काउंसलर संदीप सिंह भी उपस्थित थे।

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