मुख्यमंत्री ने वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘ग्राम दर्शन’ किया लॉन्च

चंडीगढ़ 2 अक्टूबर- हरियाणा में पंचायतों के संपूर्ण रिकॉर्ड को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए आज मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वर्चुअल माध्यम से ‘ग्राम दर्शन’ पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल पर राज्य की 6197 ग्राम पंचायतों का संपूर्ण डाटा उपलब्ध होगा। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ग्राम दर्शन’ पोर्टल के शुभारंभ के साथ अब हरियाणा के प्रत्येक गाँव की पूर्ण हो चुकी विकास परियोजनाओं की जानकारी डिजिटल रूप से उपलब्ध होगी। साथ ही, ग्राम पंचायत में करवाए जाने वाले आवश्यक कार्यों की सूची भी इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी। दुनिया में कहीं भी बैठा कोई भी व्यक्ति ग्राम पंचायतों का विवरण देख सकेगा।

उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार का विजऩ था कि हरियाणा के प्रत्येक गाँव की अपनी वेबसाइट होनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रामीणों विशेषकर युवाओं को उनके गाँव में करवाए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों, परियोजनाओं और योजनाओं की जानकारी हो। इससे वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार मांगों को राज्य सरकार के समक्ष रख सकते हैं। इसलिए इसी सोच के साथ ‘ग्राम दर्शन’ की कल्पना की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ग्राम दर्शन’ का मुख्य विजऩ ग्राम पंचायतों की वेबसाइटों के माध्यम से सभी सरकारी सेवाओं को आम नागरिकों के लिए सुलभ बनाना है और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐसी सभी सेवाओं की दक्षता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है।

उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने विभिन्न गांवों के कुछ सरपंचों, पंचों और ग्राम सचिवों से बातचीत की। बातचीत के दौरान सभी ने अपनी समस्याओं और मांगों को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के समक्ष सांझा किया, जिस पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने सरपंचों, पंचों और ग्राम सचिवों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ‘ग्राम दर्शन’ की अवधारणा आज के समय में चुनौतियों को दूर करते हुए केवल एक क्लिक के माध्यम से ग्रामीणों को आवश्यक जानकारी प्रदान करेगी। इसके अलावा, ‘ग्राम दर्शन’ पर अन्य विभागों की विकास योजनाओं से संबंधित जानकारी और विस्तृत दिशा-निर्देशों को भी अपलोड किया जाएगा, जो ग्रामीण नागरिकों के लिए बहुत उपयोगी होगा। ‘ग्राम दर्शन’ ग्राम पंचायतों की विश्वसनीयता बढ़ाने में कारगर साबित होगा और ग्रामीणों के लिए सूचना के स्रोत के रूप में कार्य करेगा। ‘ग्राम दर्शन’ ग्रामीण विकास की योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन और गरीब लोगों के जीवन का उत्थान करने में मदद करेगा।

उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम पंचायत के नागरिकों द्वारा वोटिंग के आधार पर विकास कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाए।
इससे पूर्व, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि ‘ग्राम दर्शन’ का मुख्य उद्देश्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करके ग्रामीणों के लिए ‘ग्राम दर्शन’ को सूचनाओं के हब के रूप में विकसित करना, पंचायतों में बेहतर पारदर्शिता, जवाबदेही, दक्षता और आरटीआई अनुपालन सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, इसका उद्देश्य स्थानीय स्व:शासन के प्रशासन में सुधार करना भी है, जो संबंधित विभागों द्वारा अपलोड की गई सूचनाओं को आसान और तीव्र पहुंच प्रदान करता है।

श्री सुधीर राजपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा दिए गए सुझावों को भी इस पोर्टल में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पोर्टल लोकतंत्र में सभी की भागीदारी की तर्ज पर विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘ग्राम दर्शन’ पोर्टल पर 10 ग्राम पंचायतों का डाटा पहले ही अपलोड किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि ‘ग्राम दर्शन’ ग्राम पंचायतों की वेबसाइट को संदर्भित करता है जो ग्राम पंचायतों के समग्र, सहभागितापूर्ण, पारदर्शी और जवाबदेही के रूप में कार्य करेगा। इसका उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करना है। सभी ग्राम पंचायतों की वेबसाइट होगी।
श्री सुधीर राजपाल ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत की वेबसाइट पर निर्वाचित प्रतिनिधियों की जानकारी भी होगी, जिनमें ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच और ग्राम सचिव शामिल हैं। इसके अलावा, सार्वजनिक संपत्ति की सूची, विभाग द्वारा या राज्य के किसी भी अन्य विभाग द्वारा पहले से बनाई गई या बनाई जा रही संपत्ति का विवरण भी वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। ग्राम पंचायतें वित्तीय परिसंपत्तियों का विवरण जैसे सावधि जमा और खर्चों का विवरण भी अपलोड करेंगी। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण, ग्राम पंचायतें ग्राम सभा की बैठकें करने में असमर्थ हैं। इसलिए, हरियाणा राज्य द्वारा ई-ग्राम सभा की अवधारणा शुरू की गई है।

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