आरटीआई नही देने पर लगा 12500-12500 रूपये का जुर्माना

पंचकूला, 30 सितंबर। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा पिंजौर के इस्लाम नगर में बने एक एनआरआई का मकान बिना किसी नोटिस के तोड़ दिया गया। इस मामले में नंगल सोधियां/इस्लाम नगर रेजिडेंट वैलफेयर एसोसिएशन पिंजौर के प्रधान सूरज शर्मा ने पंचकूला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि इस्लाम नगर में एनआरआई उषा मुदगिल का मकान बना हुआ था जिसे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा बिना नोटिस और बिना आर्डर तोड़ दिया गया। सूरज शर्मा ने बताया कि इस कार्यवाही के संबंध में उन्होंने एचएसवीपी के अधिकारीयों ने जानकारी लेनी चाहिए परन्तु उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।

इसके बाद उन्होंने इस मामले को लेकर 19 फरवरी 2019 को आरटीआई डाली लेकिन उस वक्त के स्टेट आॅफिसर आशुतोष (एचसीएस) द्वारा आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया गया न ही जाँच के आॅर्डर दिए। जिसके बाद आरटीआई एक्ट के तहत जानकारी ने देने के चलते 21 फरवरी 2019 को एचएसवीपी में स्टेट आॅफिस के उस समय कार्यरत सुप्रिडेंट पाला राम और राजबीर जेई (जो अब एएसडीई बन गए और उनका अम्बाला ट्रांसफर हो चूका है) को आरटीआई स्टेट कमिश्नर यशपाल सिंघल ने दोनों को 12500-12500 रूपये का जुर्माना लगाया था।

सूरज शर्मा ने बताया कि उनको आज तक जानकारी ही नहीं दी गई कि मकान किसके आर्डर से और किस कारण तोड़ा गया है। सूरज शर्मा ने आरोप लगाते हुए बताया कि राजबीर सिंह एएसडीई, नायब तहसीलदार बचन सिंह (रिटायर्ड) और राकेश सिंह पटवारी (रिटायर्ड) ने मिलीभगत करके मकान तुड़वाया है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में इन्साफ के लिए पिछले एक साल से भटक रहे है लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही और न ही उनको किसी प्रकार की जानकारी मुहैया करवाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि एचएसवीएपी से आरटीई एक्ट के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब न आना यह साबित करता है कि एचएसवीएपी के उस समय की अधिकारियों ने अपने पद का दुरप्रयोग कर मकान तोडा है जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि इस मामले में संलिप्त सभी के खिलाफ पुलिस कार्यवाही होने चाहिए और इनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। साथ ही जिसका मकान तोड़ा गया है उसे 10 लाख का मुआवजा दिया जाना चाहिए।