29 सितम्बर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के लोगों के लिए यह मुद्दा है ही नही कि एम्स मनेठी में बने या माजरा-भालखी में बने। इलाके का एक ही मुद्दा व मांग है कि एम्स बने और उसका निर्माण शीघ्र शुरू हो। विद्रोही ने कहा कि अब प्रशासन कह रहा है कि मनेठी में अपेक्षित जमीन उपलब्ध नही होने से उन्होंने सरकार को माजरा-भालखी में एम्स बनाने का प्रस्ताव भेजा है। मनेठी, माजरा, भालखी तीनों ही गांव साथ में लगते है और पास-पास है। इसमें कहां एम्स बने, इस पर न तो पहले कोई विवाद था और न अब। प्रशासन व भाजपा सरकार बहानेबाजी से एम्स निर्माण मामले को लम्बा खीचने की बजाय इसे शीघ्र निपटाये।

सवाल उठता है कि माजरा की जिस 316 एकड़ जमीन को किसानों ने एम्स के लिए पोर्टल पर अपलोड किया है, वह एकमुश्त है या नही? इस जमीन के बीच में पैच है या नही? विद्रोही ने कहा कि इन बुनियादी सवालों का तथ्यात्मक जवाब देने की बजाय प्रशासन अनाप-शनाप बयानबाजी ज्यादा करता है। यह लाख टके का सवाल वहीं का वहीं खडा है कि माजरा की प्रस्तावित जमीन भी एकमुश्त इक्कठी है या नही और बीच के किसान अपनी जमीन नही देते है तो सरकार इस जमीन को एकमुश्त करने के लिए क्या करेगी या एकमुश्त जमीन न होने का बहाना बनाकर माजरा-भालखी में भी एम्स बनाने से भाग जायेगी? 

विद्रोही ने सवाल किया कि महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि क्या किसान सरकार के प्रस्ताव के अनुसार 29 लाख रूपये प्रति एकड के हिसाब से अपनी जमीन एम्स के लिए देने को तैयार होंगे या नही? वहीं जमीन को एकमुश्त करने के बीच के पैचों को लेने के लिए भाजपा सरकार भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का प्रयोग करेगी या नही? वहीं सरकार यह क्यों नही बताती कि वह भूमि अधिग्रहण कानून के तहत एम्स के लिए जमीन लेने की बजाय पोर्टल-पोर्टल क्यों खेल रही है?

विद्रोही ने कहा कि सरकार के क्रियाक्लापों को देखकर लगता है कि भाजपा सरकार एम्स निर्माण के प्रति न तो गंभीर है और न ही शीघ्रता में है। भाजपा सरकार इस मुद्दे को 2024 लोकसभा व विधानसभा चुनावों तक लटकाये रखने की फिराक में है ताकि दक्षिणी हरियाणा के लोगों का भावनात्मक शोषण करके फिर से एम्स के नाम पर वोट हडपी जा सके। विद्रोही ने मांग की कि भाजपा सरकार टरकाऊ रवैया अपनाने की बजाय एक निश्चित समय अवधि में एम्स निर्माण की सभी औपचारिकताओं को तेजी से पूरी करे और यदि भाजपा सरकार ऐसा नही करती है तो दक्षिणी हरियाणा से निर्वाचित सभी भाजपा सांसद व विधायक अपने पदों से इस्तीफा दे। 

error: Content is protected !!