30 सितम्बर 2020. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री राव बीरेन्द्र सिंह की 11वीं पुण्यतिथि पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने पुष्पाजंली अर्पित करके अपनी भावभीनी श्रद्घाजंली दी। विद्रोही ने कहा कि राव बीरेन्द्र सिंह ने लगभग 40 वर्षो तक पंजाब व हरियाणा की राजनीति को प्रभावित किया। वे पंजाब व हरियाणा के बड़े कद्दावर नेताओं में से एक थे। इन दोनो राज्यों के विकास व गांव एवं किसानों की भलाई के लिए उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए व संयुक्त पंजाब में मंत्री रहते हुए अनेक कदम उठाये, जिनकी गूंज इन दोनो राज्यों की राजनीति में आज भी है। राव बीरेन्द्र सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए जिस तरह किसानों की फसलों के भाव देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उसे हरियाणा का किसान 53 वर्षो बाद भी नही भूला है। विद्रोही ने कहा कि 1967 में जब राव बीरेन्द्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री बने और उन्होंने किसानों की फसलों को जो भाव दिये, उसके कारण वे किसानों के मसीहा के रूप में उभरे। जब उनकी संयुक्त विधायक दल की सरकार गिर गई और वे मुख्यमंत्री नही रहे, तब हरियाणा के किसानों में यह बात गूंजी कि राव आया-फसल का भाव आया, राव गया-फसल का भाव गया। राव बीरेन्द्र सिंह ने ही हरियाणा में पहला क्षेत्रिय दल विशाल हरियाणा पार्टी बनाकर हरियाणा में क्षेत्रिय दलों की राजनीति की शुरूआत की थी। हरियाणा में क्षेत्रिय दलों का उदय राव बीरेन्द्र सिंह की प्रेरणा से ही हुआ है। हरियाणा की राजनीति को राव बीरेन्द्र सिंह मृत्युपर्यन्त तक प्रभावित करते रहे। अहीरवाल के राजा के नाम से विख्यात राव बीरेन्द्र सिंह का नाम हरियाणा की राजनीति में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। विद्रोही ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी के मंत्रीमंंडल में कृषि मंत्री रहकर देश के किसानों की बहुत सेवा की। हरियाणा, पंजाब एवं राजस्थान के बीच देश के केन्द्रीय कृषि मंत्री के रूप में उन्होंने 31 दिसंबर 1981 को रावी-ब्यास के पानी पर त्रिपक्षिय समझौता करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण ही उच्चतम न्यायालय ने सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण का फैसला हरियाणा के पक्ष में जनवरी 2002 में दिया था। हरियाणा में बिजली, सडक़ों का जाल उन्होंने संयुक्त पंजाब के बिजली एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए बिछवाया था। दक्षिणी हरियाणा के विकास व इस क्षेत्र में शिक्षण संस्थान के विस्तार में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही थी। विद्रोही ने कहा कि राव बीरेन्द्र सिंह राजनीति करने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। उनकी लोगों की सेवा करने के प्रति प्रतिबद्घता, विचारों की दृढ़ता व ईमानदारी से की गई राजनीति हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। हरियाणा के इस दिगगज नेता को आज श्रद्घाजंली देने वाले अपने आपको गौरांवित महसूस कर रहे है। Post navigation अब माजरा-भालखी में एम्स बनाने का प्रस्ताव भेजा, लम्बा खीचने की बजाय शीघ्र निपटाये : विद्रोही राव भोपाल सिंह ने स्वर्गीय श्री राव बिरेंदर सिंह की पुण्यतिथि पर दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि।