जेजेपी पर बढ़ रहा सरकार से समर्थन वापस लेने का दबाव. – दुष्यंत चौटाला ने साधा पंजाब के पूर्व सीएम से संपर्क 

अशोक कुमार  कौशिक

चंडीगढ़। तीन कृषि बिलों के कानून का रूप धारण करने के बाद हरियाणा में सत्ता का संकट उत्पन्न होता नजर आ रहा है। पंजाब की प्रमुख पार्टी शिरोमणि अकाली दल के भाजपा से नाता तोड़ लेने के बाद हरियाणा में जेजेपी पर भी सरकार से समर्थन वापस लेने का दबाव और बढ़ गया है। चर्चा यहां तक है कि जेजेपी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत चौटाला ने शिरोमणि अकाली दल प्रमुख व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से संपर्क साधा है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने कई कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। उन्होंने कल गृह मंत्री अमित शाह से आनन फानन में मुलाकात  की और वर्तमान हालातों पर चर्चा की। वह अब निर्दलीय विधायकों से संपर्क साध रहे हैं। जानकारी है कि दूसरी ओर जल्द ही दुष्यंत चौटाला भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। आने वाले कुछ दिनों में प्रदेश के राजनीतिक हालात काफी गरम नजर आएंगे।

कृषि विधायकों को लेकर चौ.देवीलाल समर्थक किसान दुष्यंत चौटाला से बुरी तरह खफा नजर आने लगे हैं। इसी कारण के चलते दादरी में दुष्यंत चौटाला को किसानों के बारे विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस के बारे बंदोबस्त के चलते बड़ी मुश्किल से इन्हें किसानों के आक्रोश से बचाया गया। इन विधेयकों के समर्थन में आने के बाद दुष्यंत चौटाला के खिलाफ किसानों का रोष बढ़ता ही जा रहा है। किसान भाजपा से ज्यादा दुष्यंत चौटाला को निशाना बना रहे हैं। दुष्यंत के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले नारों की झलक उचाना मंडी में कुछ इस तरह देखने को मिली।

पोस्टर में दुष्यंत चौटाला के फ़ोटो के साथ लिखे गए ‘ताऊ तेरे पडपोते ने, किसान मार दिया धोखे तै, तीनों काले कानून वापिस करो MSP सुनिश्चित करो”‘स्वर्ग में बैठा सोचे ताऊ, इस नादान ने कुकर समझाऊं”हर कोई इस्तीफा दे, सबकी मजाल थोड़ी है”खोपर तो सत्ता का लालची है,कोई देवीलाल थोड़ी है’

इधर जजपा के विधायक पहले ही दुष्यंत से नाराज चल रहे है ।  राजकुमार गौतम, देवेंद्र बबली के बाद पूंडरी के विधायक जोगीराम सिहाग ने भी अपनी आस्था किसानों के साथ जताई है। असंतोष में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। इसके साथ निर्दलीय विधायक भी अपनी नाराजगी खुलेआम जता है इसमें प्रमुख नाम महम के विधायक बलराज कुंडू का है।

– अर्धनग्न होकर किया जेपी दलाल का विरोध।— बरोदा उपचुनाव बनता जा रहा है गले की फांस

जेपी दलाल को दिखाए जा रहे है काले झंडे। गांव छिछड़ाना और मदीना में हुआ भारी विरोध। जेपी दलाल और सरकार के खिलाफ हुई जोरदार नारेबाजी हुई। भारी पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के बीच गुजरा गया दलाल का काफिला। दौरे वाले हर गांव में भारी संख्या में पुलिसकर्मी रहे तैनात। विरोध की आशंका के चलते प्रशासन रहा टेंशन में। 

— कृषि मंत्री का घेराव करने वाले 90 बर्खास्त पीटीआई टीचरों पर केस दर्ज

बरोदा हल्के के मुंडलाना में कृषि मंत्री का घेराव कर उनकी गाड़ी रोकने में मामले में पुलिस ने की करवाई90 बर्खास्त पीटीआई टीचरों पर मामले दर्ज। रास्ता रोक कर सरकार काम में बाधा पहुँचाना ,कोरोना काल में भीड़ इकठा कर कोरोना को बढ़ावा देना कोई भी पीटीआई ,किसान ,आढ़ती किसी तरहे की सरकारी काम में बाधा पहुंचने की कोशिश करता है उनके खिलाफ तुरंत करवाई कर मामला दर्ज करने के आदेश

—  बरोदा उपचुनाव सीट के लिए दिल्ली दरबार में होंगे दो बड़े फैंसले — अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे बीजेपी- जेजेपी पार्टी से प्रत्याशी का फैसला

सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यन्त चौटाला दोनों का एक साथ दिल्ली जाने के पीछे सयोंग है या कोई योजनाबद्ध प्रोग्राम। चर्चाएं हैं की चुनाव आयोग की 29 सितम्बर को होने वाली मीटिंग में हरियाणा की बरोदा सीट के चुनाव घोषित हो सकते हैं। बरोदा सीट के उपचुनाव के लिए दो बड़े फैंसले दिल्ली दरबार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दरबार मे होने हैं। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार शाम नड्डा जी से मिले भी हैं। पहला फैंसला यह कि उपचुनाव में बीजेपी या जेजेपी में से किस दल का उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी के हरियाणा में सभी बड़े दिग्गज यह पहले दिन से कह रही है कि भजपा आम चुनाव में नम्बर दो पर रही थी। भजपा का उम्मीदवार ही लड़ेगा। मुख्यमंत्री मनोहार लाल, प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़, गृह मंत्री अनिल विज, कृषि मंत्री जेपी दलाल इस बारे में ठोक कर अपने दावे करते नजर आ रहें हैं।

जेजीपी भी टिकट का दावा नहीं छोड़ रही है।

लगातार जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला, दिग्विजय चौटाला, वरिष्ट राष्ट्रीय नेता केसी बांगड़, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यह कभी नहीं कहा कि जेजेपी वहां से चुनाव नही लड़ेगी। अकाली दल द्वारा भजपा और एनडीए से नाता तोड़ने के बाद जेजेपी भी बरोदा से अपने उम्मीदवार को उतारने को लेकर दवाब की राजनीति कर सकती है। 

जेजीपी जाट बाहुल्य बरोदा पर अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतार उसे जीता कर अपना आंकड़ा 10 विधायकों से 11 करने के प्रयास कर सकती है। भाजपा व जेजीपी के सभी दिग्गजों के यह बयान एक जैसे अवश्य आएं हैं कि दोनो दल मिल कर लड़ेंगे।पिछले साल हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार कृष्ण हुड्डा को 42 हजार 566 मत मिले व वह विजयी रहे थे। उनको वोट 34.67% वोटिंग हुई। नम्बर 2 पर रहे भजपा के योगेश्वर दत्त। उनको 37 हजार 726 मत मिले। वोट 30.73% रहा। तीसरे पर जेजीपी के भूपिंदर रहे, जिन्हें 32 हजार 480 मत मिले। वोट प्रतिशत रहा 26.45% रहा। कुल 11 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था। इनेलों के जोगिंदर को 3145 वोट मिले थे। वोट प्रतिशत 2.56 रहा था। 

बरोदा में जेजीपी, जिन्हें 32 हजार 480 मत मिले। वोट प्रतिशत रहा 26.45% रहा था कि भी पूरी नजर है। जाट बाहुल्य होने के कारण जेजीपी किसी सूरत में दावा नही छोड़ रही। जेजीपी व भजपा में बरोदा पर कौन लड़ेगा के लिए मंथन इसलिए भी ग़मबीर हो गया है। क्योंकि कृषि अध्यदेशों के बाद किसानों, आढ़तियों के निशाने पर सत्ता पक्ष है। बरोदा में इसका डेंट न पड़े इसलिए जो भी उम्मीदवार हो को जितवाया जाए।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला का दूसरा मूददे में कुछ चेयरमैन की नियुक्ती व मंत्रीमंडल के शीघ्र विस्तार की भी चर्चा दिल्ली में आला नेताओं से हो सकती है। जिस प्रकार जेजीपी में  देवेन्द्र बबली के विस्फोटक बयान आए व जेजीपी ने किसी तरह उसे फिलहाल रोक रखा है। जेजेपी मंत्रिमंडल विस्तार व चेयर मैनस की नियुक्ती शीघ्र करने के पक्ष में है।

बरोदा उपचुनाव के लिए भाजपा-जेजीपी सरकार द्वारा उममीदवार एक दल का व सिंबल दूसरा व झंडा दूसरे दल का फार्मूला भी चर्चा में हैं। यानि भाजपा-जेजीपी गठबंधन सरकार के द्वारा हम सब एक हैं के तहत दोनों दलों के थिंक टैंक इस मुद्दे पर भी चर्चा कर चुके हैं। इस पर अंतिम मुहर लगेगी या नहीं इसका निर्धारण अभी होना तय है।

अतीत में सोनीपत लोकसभा सीट तब की हरियाणा लोकदल (वर्तमान में इनेलो ) ऐसे ही तजुर्बे कर चुकी है।  कृष्ण सिंह सांगवान 1999 में लोकदल व् भजपा गठबंधन में सोनीपत सीट से लोकदल के सक्रीय सदस्य होते हुए भाजपा के सिंबल पर लड़े थे। सांसद बने थे व् मरते डीएम तक भजपा में रहे। इससे पहले 1998 में यहां से हरियाणा लोकदल के कृष्ण सिंह सांगवान को 2,90,299 वोट और एचवीपे के अभय राम दहिया के पक्ष में 1,52,975 वोट पड़े थे। 1999 में हुए चुनाव में बीजेपी के कृष्ण सिंह सांगवान को 4,57,056 वोट और कांग्रेस के चिरंजी लाल को 1,90,918 वोट हासिल हुए थे. 2004 में सोनीपत से बीजेपी के कृष्ण सांगवान को 2,33,477 और कांग्रेस के धर्मपाल मलिक को 2,25,908 वोट हासिल हुए थे. वहीं 2009 की बात करें तो कांग्रेस के जितेंद्र मलिक को 3,38,795, और बीजेपी के कृष्ण सिंह सांगवान को 1,77,511 वोट मिले थे।

जेजेपी अपने अंतर्कलह का कारण जानती व समझती है। जो 8 विद्यायक हैं उन्हें अभी तक कुछ नही मिला है। उनमे से 4-5 की एडजेस्टमेन्ट जरुरी है। कृषि विधेयकों के बाद किसानों,  ग्रामीणों के अस्तन्तोष के चलते जेजेपी भी सकते में तो है। मगर हरियाणा में भाजपा सरकार के साथ सहज  है। 

अब अकाली दल द्वारा एनडीए से नाता तोड़ने के बाद हरियाणा की राजनीति में भी उथल पुथल होने की संभावना जताई जा रही है। हरियाणा में देवीलाल परिवार के बादल परिवार से नाते दुख -सुख के रहे हैं। देवीलाल के पड़पोते दुष्यंत चौटाला, पोते -अजय चौटाला के साथ भी अकाली दल बातचीत कर समर्थन वापसी की बात करेगा। इसके साथ ही अकाली दल देवीलाल के पुत्र रणजीत सिंह जो बिजली मंत्री हैं से भी चर्चा कर रहा है।

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