चंडीगढ़, 28 Sep, 2020. देश के कई राज्यों में कृषि बिलों को लेकर विरोध जारी है। पंजाब- हरियाणा और दिल्ली में इसका सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। आज प्रदर्शनकारियों ने इंडिया गेट के पास खड़ा एक ट्रैक्टर भी जला दिया। पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता एक ट्रक में रखकर ट्रैक्टर को लाए और फिर नीचे उतारकर उसमें आग लगा दी। इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में लिया है।

इधर हरियाणा में भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुड्डा, सैलजा, विकास बंसल, किरण चौधरी सहित पार्टी के कई कार्याकर्ता लगातार किसानों के साथ खड़े होने की बात कह रहे हैं। आज राज्यपाल से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा भी की गई है।

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वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि नए कृषि बिल किसानों के लिए मौत की सजा जैसे हैं। संसद के अंदर और बाहर किसानों की आवाज दबा दी गई।

दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नवांशहर जिले में स्थित शहीद भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में चल रहे किसानों के धरने में शामिल होने पहुंच गए। उनका कहना है कि भाजपा पूंजीपतियों के हित देखती है। सारा खेल जरूरत का है। जब जरूरत होती है तो किसान याद आते हैं, नहीं तो अडाणी-अंबानी ही दिखाई देते हैं। किसानों के हितों को देखते हुए अपने राज्य के कानून में संशोधन समेत सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

बता दें कि संसद में पिछले हफ्ते किसानों से जुड़े 3 बिल पास हुए थे। इनके विरोध में राज्यसभा में हंगामा करने वाले 8 विपक्षी सांसदों को सभापति वेंकैया नायडू ने सस्पेंड भी कर दिया था। उसके बाद विपक्ष ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर बिलों को लौटाने की मांग की थी। लेकिन, राष्ट्रपति ने रविवार को बिलों को मंजूरी दे दी।

विपक्ष को आशंका है नए बिलों से किसानों को नुकसान होगा और सरकार आने वाले समय में समर्थन मूल्य की व्यवस्था को खत्म कर सकती है। लेकिन, सरकार कह चुकी है कि समर्थन मूल्य जारी रहेगा और नए बिल किसानों के फायदे के लिए लाए गए हैं।

किसान बिलों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता और मोदी कैबिनेट में फूड प्रोसेसिंग मिनिस्टर रहीं हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था। शनिवार को अकाली दल ने एनडीए से अलग होने का ऐलान भी कर दिया।

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