भिवानी/मुकेश वत्स हरियाणा केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन एवं ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय सचिव योगेन्द्र योगी ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि अध्यादेशों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एमएसपी रेट पर सरकारी खरीद को झूठ का पिटारा करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार जिस एमएसपी रेट की बात कर रही हे, वह दावों के बिलकुल उलट है। असल में सरकार एमएसपी के नाम पर थोड़े दिन ही नाममात्र की फसल खरीदती है और दाना-दाना खरीदने का दावा कर हवा हवाई बातें करती है, जबकि हकीकत यह है कि किसानों को एमएसपी रेट मिल ही नहीं पाता। योगी ने कहा कि आज गेहूं का एमएसपी रेट 1925 रूपये है, जबकि इसकी खरीद का रेट 1650 रूपए है। इसी तरह मूंग का एमएसपी रेट 7250 है जबकि यह 5 हजार से 5700 रूपय में बिक रहा है। उन्होंने कहा कि एमएसपी का यही हाल बाजरा, नरमा व जौ की फसल का है जो एमएसपी से काफी रेट में खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमएसपी के नाम पर सरकार झूठा ढिंढोरा पीट रही है, जबकि हकीकत यह है कि किसानों के मामले में सरकार की नीति व नियत दोनों में खोट है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर कृषि अध्यादेशों के मामले में किसानों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज का किसान वर्ग जागरूक हो चुका है और वह सरकार की नियत को अच्छी तरह से जान समझ चुका है। अगर सरकार वास्तव में ही किसानों का भला चाहती है तो एमएसपी पर फसल खरीद का कानून बनाया जाए औए एमएसपी से कम रेट पर फसल खरीदने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। योगी ने कहा कि एम एस पी खत्म करके सरकार ने किसान का सुरक्षा कवच तोड़ दिया जबकि सरकार प्रचार करती है की हमने किसान को आजादी दी है ये आज़ादी ठीक उसी प्रकार है जब बकरी को और शेर को खुला छोड़ दो और जो बकरी का रुखाला था उसको हटा दो।एम एस पी किसान की ढाल है कवच है उन्होंने कहाकि सरकार अपने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह की व्यवस्था कर रही है । उन्होंने कहा कि कृषि के तीनों अध्यादेश बीजेपी सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित होंगे और देश प्रदेश का किसान आगामी चुनाव में सूद सहित मूल वसूल करेगा। योगी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा किसान-मजदूर के साथ खड़ी है जब तक ये काले कानून वापिस नहीं लिए जाते या इनमें एम एस पी को कानूनी रूप नहीं दिया जाता तब तक सडक़ से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ेगी। योगी ने कहा कि सरकार ने गरीबों को जो राशन पी डी एस के माध्यम से मिलता है उसके बारे में भी सिथती स्पष्ट करनी चाहिए कि इस बिल के आने से गरीबों के राशन वितरण प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा। Post navigation भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति ! हरियाणा प्रदेश भाजपा का रहा खाली हाथ !! श्रम अधिकारों के हनन के खिलाफ एआईयूटीयूसी ने विरोध ऐलान किया