चंडीगढ़, 26 सितम्बर: आईएनएलडी स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (आईएसओ) के मीडिया प्रभारी विकास ने बताया कि हरियाणा सरकार जहां कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में ऑनलाइन ऐडमिशन की वेबसाइट जारी करके वाहवाही लूट रही है वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने की बजाय हतोत्साहित करने का काम कर रही है। विद्यार्थियों के दाखिला प्रक्रिया में विद्यार्थियों द्वारा प्राप्त अंक के अलावा अतिरिक्त गतिविधियों के अंक भी जोड़े जाते हैं जिससे विद्यार्थियों को दाखिले की मेरिट में लाभ मिलता है। इस बार दाखिलों के लिए अतिरिक्त अंकों के कॉलम से एनएसएस को हटा दिया गया है। जो भी बच्चे शिक्षा के साथ-साथ एनएसएस के विशेष कैंपों में भाग लेते हैं वो जागरूकता रैली एवं सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न योजनाओं का प्रचार प्रसार करके समाज को जागरूक करने का कार्य करते हैं, उन्हीं को सरकार के द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। हायर एजुकेशन विभाग द्वारा जारी की गई वेबसाइट में जब बच्चे अपने दाखिले के लिए आवेदन करते हैं तो उन्हें एनसीसी बी सर्टिफिकेट और भारत स्काउट एंड गाइड के राष्ट्रपति अवार्ड के अंक तो मिलते हैं परंतु एनएसएस के वॉलंटियर के रूप में कार्य करने वाले विद्यार्थियों को इन अतिरिक्त अंकों का लाभ नहीं प्राप्त होता। एनएसएस के बच्चों को राष्ट्र स्तर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्रालय के द्वारा स मानित भी किया जाता है। एनएसएस किए हुए छात्रों को अपने ही राज्य मेें अनदेखा किए जाने से छात्रों में भारी रोष है आईएसओ के राष्ट्रीय महासचिव रमन ढाका ने कहा कि हरियाणा एनएसएस विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर 565 शिक्षण संस्थानों में 577 यूनिट संचालित होने का ब्यौरा दिखाया गया है। प्रत्येक यूनिट में 100 वॉलंटियर होते हैं। परंतु उच्च शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण सभी विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। भारत सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा संचालित राज्य की सभी यूनिटों में बच्चे बढ़-चढक़र हिस्सा लेते हैं। एनएसएस में सबसे अधिक विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से आते हैं लेकिन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें अनदेखा करने के कारण छात्र व्यथित हैं। Post navigation रोङवेज वर्कर्स युनियन का प्रतिनिधि सम्मेलन 27सितम्बर को कूरूक्षेत्रा में। दोदवा 5-6-7 अक्टूबर को सभी पालिका, परिषद व नगर निगमों पर क्रमिक अनशन