कमलेश भारतीय

महाराष्ट्र को कंगना रानौत ने तो सोनाली फौगाट ने हरियाणा का गौरव बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी । कंगना भी लगभग भाजपा की ओर झुकाव रखती है तो सोनाली तो भाजपा की पदाधिकारी है । जैसे कंगना विवादों में घिरी रहती है वैसे ही सोनाली भी खूब चर्चित रहती है । दोनों का विवादों से गहरा नाता है । भाजपा की सोनाली फौगाट का शायद विवादों से नाता बढ़ता जा रहा है । कभी अपने घर में अपने जीजा से कहा सुनी के बाद विवाद और एफआईआर तो कभी बालसमंद की अनाज मंडी में मार्केट कमेटी के सचिव सुल्तान सिंह की चप्पलों और थप्पड़ों से पिटाई का वीडियो वायरल । धूम मचा दी थी धूम पूरे हरियाणे में । मंडी आदमपुर में चुनाव के दौरान तुम लोग पाकिस्तान से आए हो के डायलाॅग से विवाद । एक विवाद थमता नहीं कि दूसरा आ जाता है । सुल्तान सिंह वाले विवाद में तो महिला आयोग अभी तक जांच में लगा है । काफी गहरी खुदाई हो रही है । कोर्ट में भी सुनवाई जारी है और खाप तक आकर दिनौदा में झंडे गाड़ चुकी लेकिन सोनाली हैं कि मानती नहीं

अब नया विवाद अपनी ही पार्टी के काजला मंडल प्रधान सुभाष शर्मा के साथ सामने आया है । सुभाष शर्मा ने आरोप लगाया है कि सोनाली ने अपने घर बुलाकर डंडों से जमकर खातिरदारी की । सचिवालय परिसर में थैले में से अपने खून सने कपड़े भी पत्रकारों को दिखाये । दूसरी ओर सोनाली फौगाट ने वीडियो जारी कर इस मामले से इंकार करते हुए कहा है कि ये आरोप निराधार हैं । सरासर झूठे हैं । हिसार आकर सारी बात बताऊंगी । मज़ेदार बात कि भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला और जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने इस सारे मामले के बारे में कोई जानकारी न होने की बात कही है । मज़ेदार बात कि सुभाष बराला जी तब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष थे लेकिन जानकारी तब भी इतनी ही थी जितनी अब है । वैसे अब तक सारी भाजपा ही सोनाली फौगाट के मामले से अनभिज्ञ ही है या पूरी छूट दे रखी है ? सांसद संजय भाटिया दो दो बार आए जांच करने पर जांच में क्या निकला ? किसी को कुछ पता नहीं ।

टिक टाॅक क्वीन से लेकर विवादों की क्वीन बनने तक सोनाली का ग्राफ गिरा ही है । आखिर एक महिला को इस तरह हंटरवाली या डंडेवाली की इमेज क्यों बनानी पड़ रही है ? छोरियां , छोरों से कम हैं क्या फिल्म में सोनाली ने महिला एस पी का रील निभा कर जो वाहवाही लूटी थी वह थप्पड़ चप्पल कांड से गंवा दी । सोनाली को तय कर लेना चाहिए कि उसकी इमेज एक अभिनेत्री की बननी चाहिए या नेत्री की या फिर थप्पड़ जड़ने वाली की ? कविता की पंक्ति है :
तय करो , किस ओर हो तुम,,,,

तो तय करो सोनाली क्या बनना है तुम्हें? क्यों अपनी प्रतिभा बेकार के कामों में क्यों खराब कर रही हो ?

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