भिवानी/मुकेश वत्स  

तमाम किसान संगठनों के आह््वान पर भारत बंद में मजदूर संगठनों सीटू, एटक, इंटक, एचएमएस, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन, सर्व कर्मचारी संघ, आप पाटी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लेबर क्रांति मोर्चा, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसान व मजदूर विरोधी काले कानूनों को रदद करने की मांग को लेकर केन्द्र सरकार की शव यात्रा निकाली व हांसी गेट पर पुतला दहन किया।

इन संगठनों की ओर से नेहरू पार्क में एक सभा की जिसकी अध्यक्षता किसान नेता मास्टर शेर सिंह ने की व मंच संचालन कामरेड़ ओमप्रकाश ने किया। सभा में सभी वक्ताओं ने केन्द्र सरकार द्वारा तीन कृृषि कानूनों को किसान व जनता विरोधी बताते हुए कहा कि ये न केवल किसानों को बर्बाद करके बन्धुआ मजदूर बना देगें बल्कि गरीबों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को भी खत्म कर देगें, इससे मंहगाई पर रोक लगाना मुश्किल हो जायेगा। जिससे ना केवल किसानों व मजदूरों की बल्कि जनता की भारी लूट के अवसर मिल जायेंगे। पूरे किसान वर्ग को कारपोरेट द्वारा लूट कर भूखा मारने की स्थिति में ला देगें।

उन्होने कहा कि मजदूरों के तमाम्् सुरक्षा कानून खत्म करके उनके शोषण की चक्की में झोक देगें। इससे बड़े पैमाने पर बेरोजगार मजदूर आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएगे। सामाजिक सुरक्षा के तमाम कानूनों को खत्म करके मालिकों के रहमों करम पर जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होने कहा कि मोदी सरकार इन जन विरोधी कानूनों को रदद करे। आज के कार्यक्रम के दो प्रस्ताव पास करके पी.टी.आई अध्यापको को बहाल करने, आशा वर्करों की मागों को मानने की मांग की गई है।

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