24 सिंतबर 2020, चंडीगढ़- अभय चौटाला ने कृषि विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करने के लिए सांसदों व विधायकों से किसानों की लड़ाई लड़ने का आग्रह किया है। अभय ने कहा कि जो सांसद और विधायक किसानों के दम पर लोकसभा और विधासभा पहुंचे है उन्हें किसानों की लड़ाई लड़नी चाहिए। 25 सितंबर को भारत बंद का समर्थन करते हुए अभय ने कहा कि इनेलो द्वारा 24 सितंबर से जिला स्तरीय आंदोलन शुरु किए जाएगें। इन आंदोलनों की शुरुआत अंबाला व यमुनानगर से होगी। दस अक्टूबर तक कार्यक्रम घोषित किए जा चुके हैं। आंदोलन के दूसरे चरण का ऐलान जल्द ही किया जाएगा। किसानों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए अभय ने कहा कि पहले तो सिर्फ गृहमंत्री अनिल विज ही यह दावा कर रहे थे किसानों के उपर कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ। लेकिन अब मुख्यमंत्री ने भी लाठीचार्ज से इंकार कर दिया है। सरकार की निती और नीयत साफ नहीं है। बीजेपी-जेजेपी के कई नेता अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता के चक्कर में खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे। सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि देश में सर छोटूराम, चौ. चरण सिंह, ताऊ देवीलाल और प्रकाश सिंह बादल किसान नेता के रुप में स्थापित है। बादल की पुत्रवधू ने हरसिमरत कौर बादल ने किसानों का समर्थन करते हुए पद से इस्तीफा दे दिया। अभय चौटाला ने आढ़तियों को बिचौलिया या दलाल कहकर प्रचारित करने की भी आलोचना की। अनुबंध खेती का विरोध करते हुए अभय ने कहा कि कांग्रेस आज भी इन विधेयकों के विरोध का नाटक कर रही है। क्योंकि कांग्रेस 2013 में यही विधेयक लाने वाली थी। लेकिन लालू यादव, ममता बनर्जी, मुलायम यादव और अन्य नेताओं के विरोध के कारण कांग्रेस ऐसा नहीं कर पाई थी। आरटीआइ से मिली जानकारी का हवाला देते हुए भय ने कोरोना से बचाव कार्यों पर खर्च हुए साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए की हाईकोर्ट सीटिंग जज से जांच कराने की मांग की है।अभय ने कहा कि नौ महीने में नौ घोटाले हुए हैं, और दसवें महीने में दसवां घोटाला सामने आया है। सभी घोटालों की न्यायिक जांच होनी चाहिए। Post navigation करोना काल ! कहीं बन न जाए भ्रष्टाचार काल ? एक आईएएस और दो एचसीएस अधिकारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति के आदेश जारी