अशोक कुमार कौशिक

नारनौल। जिले के चुने गए जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे यहाँ मारुति उद्योग स्थापित करवाने के साथ साथ जिस प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने उत्तर प्रदेश में फ़िल्म सीटी बनाने की घोषणा की है उसी प्रकार हरियाणा में भी चलचित्रनगर बनाने  की घोषणा करवाएँ | और इसके लिए जिला महेन्द्रगढ़ का माधोगढ के आसपास का रमणीक क्षेत्र सबसे उपयुक्त स्थान है | 

सर्व समाज मंच के अध्यक्ष राधेश्याम गोमला ने मंच के पदाधिकारियों के साथ एक मीटिंग के दौरान उक्त मांग रखी | उन्होने मांग की कि सरकार माधोगढ़ क्षेत्र में एक मिनी फ़िल्मसीटी बनाए | इस क्षेत्र में मुम्बई की फ़िल्म सीटी से भी बेहतर चलचित्र नगर बन सकता है | इससे ना केवल कला व प्रतिभाओं को मौका मिलेगा बल्कि पर्यटन व बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर खुलेन्गे | 

उन्होंने कहा कि बेरोजगारी अपना विकराल रूप लिए हुए जिसके समाधान हेतु चुने गए जनप्रतिनिधियों को प्रयास करना चाहिए कि वे जिले में औद्योगिक इकाइयों व अन्य विकल्प स्थापित करने हेतु निरन्तर कोशिश करें |

 उन्होंने कहा कि जब उत्तर प्रदेश में उक्त इकाई बनाई जा सकती तो हरियाणा में माधोगढ़ के आसपास क्यों नही | फ़िल्म निर्माण किसी भी देश का बहुत बडा और जनता का सर्वाधिक पसंदीदा उद्योग होता है अगर सरकार जिला महेन्द्रगढ़ में यह शाखा निर्मित करे तो क्षेत्रीय प्रतिभाओं को मौका मिलने के साथ साथ बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर  होंगे | सरकार के राजस्व की भारी वृद्धि के साथ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा |

उन्होने कहा कि इससे चलचित्र उद्योग  का विस्तार होगा तथा निर्माता निर्देशकॊं को सस्ते में अच्छी फ़िल्मेँ बनाने का अवसर मिलेगा | मुम्बई में अधिक महंगाई व माफ़िया लोगों का इतना अधिक हस्तक्षेप है कि बहुत से रचनाधर्मी व मौलिक निर्माता निर्देशक बडी राशि के अभाव में बेहतर फ़िल्म नही दे पाते  | फ़िल्मे माननीय जीवन पर मनोरंजक तरीके से सर्वाधिक प्रभाव डालती हैं | जिसका सामाजिक ढांचे पर सीधा असर पड़ता है | अगर निर्माताओं को आसान सुविधाएँ मिलें  तो वे बेहतरीन बनाएँगे जिससे समाज को भी बेहतर मिल पाएगा | 

उन्होने कहा कि हरियाणा व राजस्थान व दिल्ली के आसपास का क्षेत्र प्रतिभाओ का भंडार है मगर वे आर्थिक अभाव के चलते मुम्बई जैसे महँगे महानगर में किस्मत नही आजमा पाते | यहाँ उनके लिए खूब अवसर मिलेगा | इसके अलावा किसी भी फ़िल्म में मुख्य स्टार कास्ट के अलावा सैकड़ों व कई बार हजारों  सहायक कलाकारोँ की आवश्यकता होती जिन्हे मुम्बई से बाहर लाने ले जाने में ही निर्माताओं के पसीने छूटने लगते हैं  , देश में कई स्थानो पर अगर उपशाखाएँ होँ तो निर्माताओं को यह आसानी हो सकती है | इस प्रकार यहाँ हजारों लोगों को रोजगार मुहैया हो सकता है |

इसके साथ साथ अन्य बहुत से रोजगारों के लिए भी रास्ता खुलता है | ऐसा महाउद्योग प्रदेश व पडोसी राज्यों तक की बेरोजगारी कम करवा सकता है | महेन्द्रगढ़ इसलिए भी उपयुक्त है क्योंकि देश की राजधानी यहाँ से करीब है, यह क्षेत्र उत्तर भारत का सर्वाधिक शान्तिप्रिय क्षेत्र है, रेल बस व यहाँ तक मिनी हवाई सुविधा भी यहाँ उपलब्ध हैं |राजस्थान जैसा राज्य भी सीमा लगता है जहाँ की ऐतिहासिक विरासत फ़िल्म पटकथाओ के लिए बेहतरीन पसंद रहा है | इससे जमीनी हकीकत से जुड़ी कहानियों पर फ़िल्में बनेंगी जो रचनात्मक और प्रेरणादायी होन्गी जो समाज को दिशा भी दे सकेंगी  | उन्होने कहा कि अन्य राज्यों में प्रदेश हित में यह कदम उठाए जा रहे हैं तो हरियाणा सरकार को भी चाहिए कि वह घोषणा करे  |

इस अवसर पर उनके साथ मंच के कार्यकारी अध्यक्ष सत्यवीर झूकिया, बार एसोशिएशन नारनौल के पूर्व प्रधान व सर्व समाज मंच के कानूनी सलाहकार और उपाध्यक्ष एडवोकेट मनीष वशिष्ठ , मंच के जिला प्रधान व जिला पार्षद विनोद भील, नारनौल विधानसभा प्रभारी राकेश यादव,अजय सरपंच, अरुण सोनी, विकास यादव उनके साथ थे |

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