ऋषि प्रकाश कौशिकगुड़गांव- कल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और उसमें कृषि संबंधी तीनों अध्यादेशों की खूबियां गिनाईं। उनका कहना था कि विपक्ष अपनी राजनीति चमकाने के लिए इन अध्यादेशों के विरुद्ध प्रदेश के किसानों को भड़का रहा है। कांग्रेस ने भी कृषि अध्यादेश लाने की बात कही थी। वर्तमान में कांग्रेस हताश है इसीलिए विरोध प्रदर्शन कर रही है। साथ ही, उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि ना तो मंडियों में खरीद होगी और ना ही एमएसपी दिया जाएगा। लेकिन, ऐसा कदाचित नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आश्वासन दिया है कि काँग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं; सरकार ने कहीं नहीं कहा कि मंडियों में खरीद नहीं होगी और एमएसपी नहीं दिया जाएगा। इस पर पत्रकारों ने धनकड़ से पूछा कि यदि ऐसा नहीं होगा तो अध्यादेश में इसका उल्लेख क्यों नहीं है। इस तरह की चार लाइनें अध्यादेश में डाल देने से सारा विवाद ही समाप्त हो जाता। ऐसा क्यों नहीं किया गया, इस प्रश्न के उत्तर पर प्रदेश अध्यक्ष बगलें झांकते नजर आए। भारत सारथी के संपादक ने एक प्रश्न यह भी पूछा कि अध्यादेश किन परिस्थितियों में लाया जाता है, कृपया इसकी जानकारी दीजिए। इस पर भी प्रदेश अध्यक्ष मौन रहे। हरियाणा भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनकड़ की फिलहाल जिम्मेदारी प्रदेश के संगठन को खड़ा करने और मजबूत करने की है। संगठन को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए धनकड़ से कार्यकर्ताओं को जो अपेक्षाएँ थीं वो अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। अध्यक्ष की ओर से संगठनात्मक फैसले करने में देरी के कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं में जिज्ञासा, निराशा और हताशा दिखाई दे रही है। इसकी वजह यह है कि उन्होंने कार्यभार संभालते समय कहा था कि संगठन जल्दी खड़ा कर लिया जाएगा। लंबे इंतजार के बाद ज़िला अध्यक्षों की घोषणा हुई है लेकिन प्रदेश कार्यकारिणी और जिलों की कार्यकारिणी का गठन होना अभी बाकी है। किसी को नहीं पता कि आगे कितना समय और लगेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने जिला अध्यक्षों की घोषणा करने के पश्चात स्पष्ट कहा था कि एक सप्ताह में कार्यकारिणी का गठन हो जाएगा जो नहीं हो पाया। देरी का कारण बताया गया कि श्राद्ध चल रहे हैं इसलिए श्राद्ध के बाद घोषणा की जाएगी। अब सुनने में आ रहा है कि सितंबर में संगठन चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अनिश्चय का ऐसा माहौल बन गया है कि आम कार्यकर्ता तो दूर, भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता भी नहीं जानते कि प्रदेश और जिला स्तर की कार्यकारिणी का गठन कब होगा। प्रदेश अध्यक्ष की कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीद की जा रही थी कि पार्टी संगठन के बारे में नई घोषणाएं की जाएंगी। लेकिन बेहद निराशा हुई क्योंकि धनकड़ संगठन के बारे में एक शब्द भी नहीं बोले। किसान आंदोलन के दबाव के कारण यह मुख्य मुद्दा उनके दिमाग से शायद निकल गया।सारे देश में इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर ‘सेवा सप्ताह’ मनाया जा रहा है। राज्य सरकारों के साथ-साथ पार्टी संगठन की भी जिम्मेदारी है कि ‘सेवा सप्ताह’ सफल बनाने में भरपूर सहयोग करें। हरियाणा में भी यह सप्ताह मनाया जा रहा है और देखा जाए तो इसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनकड़ पर ही है। लेकिन, कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वे इस पर भी कोई बात नहीं कर पाए। यहाँ भी किसान आंदोलन के दबाव का असर दिखा। पता नहीं दबाव क्या-क्या भूल करवा देता है। अब बात करते हैं गुड़गांव में धनकड़ जी के साथ रहने वाले कार्यकर्ताओं की। जिला अध्यक्ष श्रीमती गार्गी कक्कड़ तो मौजूद थीं। उनके साथ मुख्य भूमिका में सूरजपाल अम्मू दिखाई दिए। बाकी गुड़गांव के वरिष्ठ भाजपाइयों की उपस्थिति वहां नजर नहीं आई जिसकी चर्चा पिछले बार भी चली थी कि पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह, गुड़गांव के पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल, सोहना के पूर्व विधायक तेजपाल तंवर और गुड़गांव के अनेक चेयरमैन, मंडल अध्यक्ष आदि नजर नहीं आ रहे थे। यह भी चर्चा चल रही थी कि धनकड़ के सूरजपाल अम्मू से पुराने संबंध हैं इसलिए उनके हर कार्यक्रम में अम्मू की उपस्थिति दिखाई देती है। इसे अन्यथा नहीं लेना चाहिए। सूरजपाल अम्मू भी तो भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं। यह दीगर बात है कि वह सोहना से है उन्होंने अपना अलग संगठन करणी सेना बना रखा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस की पूरी कार्यवाही को देखकर यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में हरियाणा की राजनीति में किसान आंदोलन बहुत बड़ा रोल अदा करने वाला है और भाजपा सरकार इससे घबराई हुई है इसीलिए सरकार ने अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को किसानों को समझाने की जिम्मेदारी सौंपी है। Post navigation रक्त दान करके बीजेपी कार्यकर्ताओं, नेताओं ने मनाया पीएम का जन्मदिन डीएलएफ निवासियों के लिए बिजली समस्याओं के लिए पार्षद राठी ने लगवाया खुला दरबार