भारत के यशश्वी प्रधानमंत्री कहे जाने वाले नरेन्द्र मोदी जी के 70वें जन्मदिवस पर शुभकामनाएं – सारा देश बधाईयाँ देने में लगा है  यहाँ तक कि विश्वभर से बधाई संदेशों का तांता लगा हुआ है , शोशल मीडिया पर #मोदी ट्रेंड कर रहे होंगें   भाजपा सांसदों , मंत्रियों , विधायकों सहित तमाम नेताओं की माने तो तीसरे लोक-परलोक से भी संदेशे भेजे गए होंगे और देवताओं को भी पुष्पवर्षा करने आना पड़ा होगा  क्योंकी क़ई भगवानों का प्रतिबिंब जो दिखाई देता है  मोदी जी में !

तिथि 17 सिंतबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले ऐतिहासिक जन्मदिन के जश्न की सोलह दिनों की अवधि को और आगे भी बढ़ाया जा सकता है आपके सम्मान में परन्तु इससे आप सोलह साल के तो नहीं बन सकते चलना तो इकहत्तरवें साल में ही पड़ेगा – हाँ 21वीं सदी में चलने ( जीने ) वाला देश जरूर सोहलवीं सदी क्या चौदहवीं सदी में जरूर चलने लग पड़ेगा यदि इसी प्रकार देशवासियों को ईन जश्नों आयोजनों में ही उलझाएं रखेंगे और मुद्दों से ध्यान भटकाए रखेंगें तो !’

बात अर्थव्यवस्था की कीजिए ईन सोलह दिनों में यदि कोई विशेषता है ईन दिनों की तो ,  देश की जीडीपी नीचे ही धँसती जा रही है _ (माईनस ) में ऊपर उठने का नाम ही नहीं ले रही , मैन्युफैक्चरिंग दर घटकर 10% रह गई है , बैंकों के एनपीए एकाउंटस की सँख्या हजारों से लाखों में पहुँच गए हैं , उन्हें डुबोने के लिए छ-लाख करोड़ रुपए से ऊपर से ऋण आपने बड़े पूंजीपतियों के माफ कर दिए – उद्योगपति, कारोबारियों ने एमएसएमई और अन्य लोंन लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे बाजार तबाह होने के चलते मांग न होने के कारण – करोडों लोगों की नोकरियों पर तलवार लटक चुकी है -कारखाने बंद होने से रुक नहीं रहे हैं तथा उनसे जुड़े श्रमिकों , मजदूरों के आगे भूखों मरने की नोबत आ गई है !

विश्वभर में सबसे अधिक भुखमरी और अव्यवस्थाओं के डर से देशवासियों नें जहाँ सबसे बड़ा पलायन किया , आपके राज्यों की सरकारें उन्हें राशन व अन्य मौलिक सुविधाएँ तक उपलब्ध नहीं करा सकी  तमाम संसाधन और अन्नभंडार भरे होने के उपरांत भी  अनिच्छा और आपकी चाटुकारिता करने के चलते !

सब कुछ अधिकारियों के हवाले कर दिया मानों राष्ट्रपति शासन लग गया हो , जनता का चुने हुए जनप्रतिनिधियों से कोई सम्बंध स्थापित नहीं हो सका और यदि हो भी गया तो उन अधिकारियों के आगे उनकी एक न चली , कोई आमजन की सुध लेने वाला नहीं – सरकारी हस्पतालों में सुविधाओं का अकाल किसी से छिपा हुआ नहीं जिसकी गवाह समूची हरियाणा सरकार का मेदांता हॉस्पिटल में इलाज कराना एक ताजा उदाहरण है – अर्थात जिसके पास पैसा शेष है वह इलाज कराए प्राइवेट हॉस्पिटल्स में और आमजन की जेब में पैसा नहीं सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं इसलियें छोड़ दिया ईन कसाइयों के हवाले लोगों को ।

आपकी भाजपा सरकार ने सब कुछ किसानों के कंधे पर ही बोझ लाद दिए और मस्त मोर नचाते रहे बागों में ,सरकारें गिराकर अपनी सत्ता पाने में लगे रहे , कंगना रनौत जैसी अभिनेत्रियों को पार्टी में शामिल करने  और दूसरे दलों को नीचा दिखाने का खेल खिलाते रहे ! 

ईधर भाजपा सरकार किसान के हितों के विरुद्ध विधेयक बनाने व उन्हें थोंपने में लगे हुए हैं – किसानी ही बची थी लोगों को जीवित रखने का साधन तो उन किसान , आढ़तियों के हकों पर भी डाका डालने की तैयारी कर रही है सरकार – फिर उसका विरोध किया गया तो उनपर भी लट्ठ बरसा रही है सरकार – यह कैसा न्याय  कैसा रामराज्य देने की बातें कर रही है मोदी सरकार ।

एक तरफ देश में कोरोना केस विश्व में सबसे अधिक सामने आ रहे हैं  दूसरी ओर चीन ,पाकिस्तान जैसे देश सीमाओं पर कब्जा कर आगे बढ़ रहे हैं गोलियाँ बरसा रहे  हैं और आपकी पार्टी के नेता सांसद मंत्री आपका सोहला दिवसीय जन्मदिन मना रहे हैं  , मनाएँ ईधर देश भर में हर घर में मातम पसरा हुआ है लोग मर रहे हैं महामारी से ,  और सच पूछो मोदी जी ऐसा करके आपको चाहने वाले लोगों के जख्मों पर नमक छिड़का रहे हैं ।

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