जम्मू-कश्मीर के बारामुला में आतंकियों से लोहा लेते शहीद होने वाले जवान भूपेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर अब सोमवार को उनके गांव चरखी दादरी नहीं पहुंचेगा.

चरखी दादरी. जम्मू-कश्मीर के बारामुला में आतंकियों से लोहा लेते शहीद होने वाले जवान भूपेंद्र सिंह चौहान का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके गांव चरखी दादरी नहीं पहुंच पाएगा. बलास्ट के दौरान शहीद के अंग नहीं मिलने से हो देरी हो रही है. 

पिछले 72 घंटों से आर्मी और एयरफोर्स की टीमें शहीद के अंग तलाशने में जुटी है. आर्मी अधिकारियों द्वारा परिजनों को फोन करके जानकारी दी गई है. सभी अंग मिलने के बाद ही शव का पोस्टमार्टम होगा. मंगलवार शाम 4 बजे तक पार्थिव शरीर गांव में पहुंचने की उम्मीद है.

बता दें कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के नौगाम सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा की गई गोलाबारी में 22 साल के भूपेंद्र सिंह चौहान शहीद हो गए थे. भूपेंद्र के शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. शहीद के घर आने-जाने वालों का तांता लगा है. 

18 महीने पहले ही भूपेन्द्र की शादी हुई थी. भूपेन्द्र को एक छह महीने का बेटा है. भूपेन्द्र सिंह अपने लाडले बेटे से एक ही बार मिल पाए. शहीद का छोटा भाई दीपक भी फौज में भर्ती होने के लिए तैयारियां कर रहा है. 

भूपेंद्र शुक्रवार रात को बारामुला में आतंकी हमले में शहीद हुए सेना के तीन जवानों में से एक थे. चरखी दादरी जिले के गांव बास के भूपेन्द्र सिंह चौहान की शहादत पर पूरे गांव सन्नाटा पसरा है. उनकी शहादत की खबर गांव में पहुंचने के बाद से यहां शोक की लहर है. शहीद के घर सांत्वना देने वालों का तांता लगा है.

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