4 सितम्बर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा-जजपा खट्टर सरकार बेरोजगारों युवाओं को रोजगार देने के मुंगेरीलाल के हसीन सपने तो दिखा रही है, पर सरकारी नौकरियों में चयनित उम्मीदवारों को रोजगार नही दे रही है। वहीें एचएसएससी व एचपीएससी विभिन्न सरकारी भर्तीयों की परीक्षा को लेकर भी उनका रिजल्ट आऊट न करके बेरोजगारो के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।

विद्रोही ने कहा कि जो हरियाणा कभी देशभर के बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के लिए जाना जाता था, आज हालत यह है कि बेरोजगारी का देश में सिरमौर राज्य बन गया है। भाजपा-जजपा सरकार के कुशासन व जुमलेबाजी ने प्रदेश में नये रोजगार तो दूर, लगे लगाये रोजगार भी छीन लिए। भाजपा खट्टर राज के कुशासन के साईड इफेक्टस पूरा हरियाणा भुगत रहा है।

मुख्यमंत्री व संघी युवाओं को रोजगार देने के दावे तो बड़े-बडे करते है, परन्तु विगत छह सालों से सरकार ने ही सरकारी व गैर-सरकारी पदो ंके अनुबंधित, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की ही 70 सेे 80 हजार नौकरियां छीन ली जबकि सरकार का चुनावी वादा ये था कि प्रदेश के हर घर को नौकरी दी जायेगी।

 विद्रोही ने कहा कि सरकार सरकारी भर्तीयों में पारदर्शिता, ईमानदारी से भर्ती करने का ढिंढौरा पीटती है, पर जमीन पर वह दिखती कही नही। जिन सरकारी नौकरियों की भर्ती के पर्चे लीक हुए, खुलेआम बेईमानी हुई, उन भर्तीयों को रद्द करने की बजाय भाजपा खट्टर सरकार ने तत्काल रिजल्ट घोषित करके लीक पेपर के आधार पर पास हुए युवाओं को रोजगार दिया। पर जिन नौकरियों के पेपर लीक नही हुए, उन सरकारी नौकरियों के रिजल्ट एचएसएससी व एचपीएससी ने आज तक घोषित नही कर रही है।

विद्रोही ने सवाल किया कि पेपर लीक होने वालीे सरकारी भर्तीयों के रिजल्ट घोषित करने व चयनित उम्मीदवार को तुरन्त ज्वाईनिंग क्यों, वहीं जिन भर्तीयों के पेपर लीक नही हुए, परीक्षा ईमानदारी से पूरी हुई, उन भर्तीयों के रिजल्ट होल्ड क्यों? वहीं कई नौकरियों में रिजल्ट घोषित होने के बाद भी चयनित उम्मीदवारों को ज्वाईनिंग क्यों नही दी जा रही? सरकार यह रवैया बताता है कि सरकारी भर्तीयों में पारदर्शिता, ईमानदारी व मैरिट के आधार पर सरकारी नौकरी देने का दावा कितना खोखला है।

 विद्रोही ने कहा कि वीरवार को प्रदेश के युवाओं द्वारा सोशल मीडिया पर चलाये गए अभियान एचएसएससी पैडिंग रिजल्ट घोषित करो का यह असर हुआ कि वीरवार को आधी रात एक साल से लम्बित पड़े 4798 क्लकों की भर्ती का रिजल्ट घोषित करने को सरकार को मजबूर होना पड़ा।

विद्रोही ने ईमानदारी से रोजगार देने का ढोल पीटने वाले मनोहरलाल खटटर से सवाल किया कि एक्साईज इंस्पैक्टर, टैक्ससेन इंस्पैक्टर, आईआईटी इंस्पैक्टर, टीजीटी टीचर, स्टाफ नर्स जैसी लटकी भर्तीया कब होगी? जिन विभिन्न सरकारी भर्तीयों की परीक्षा हो चुकी है, उनके रिजल्ट घोषित क्यों नही किये जा रहे? जिन भर्तीयों के पेपर लीक हुए है, उन्हे रद्द क्यों नही किया गया? सरकार द्वारा घोषित स्लेबस से बाहर के प्रश्न परीक्षा में क्यों पूछे गए? जिन नौकरियों के आवेदन मांगे जा चुके है, उन पदों पर भर्ती प्रक्रिया कब शुरू होगी? वहीं जिन सरकारी-अर्धसरकारी विभागों में हजारों स्वीकृत पद खाली पड़े है, उन्हे भरने की प्रक्रिया कब शुरू होगी?

 विद्रोही ने मांग की कि निजी उद्योगों में प्रदेश के युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण का जुमला उछालने वाली भाजपा-जजपा सरकार पहले लटकी पड़ी सरकारी भर्तीयों की प्रक्रिया तो पूरी करे, होल्ड किये गए भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित करे, नौकरियों के लिए चयनित हुए उम्मीदवारों को ज्वाईनिंग दे व प्रदेश के विभिन्न विभागों में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करे ताकि बेरोजगारों को युवाओं को कुछ तो राहत मिल सके। 

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