धर्मपाल वर्मा

चंडीगढ़-यूं तो कभी नेता पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता परंतु बरोदा के उपचुनाव मैं अब तक की कांग्रेस के नाम की पॉलिटिकल एक्सरसाइज पर नजर दौड़ा कर देखें तो आप पाएंगे कि यहां कांग्रेस के नाम पर केवल पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा ही अपने काम पर लगे हुए हैं l उनको छोड़कर कांग्रेस का एक भी बड़ा नेता यहां झूठे भी प्रचार करने को नहीं आया है l प्रचार करना तो दूर , ऐसा लगता है जैसे उनकी चुनाव में कोई रुचि ही नहीं है l सारा का माल सारा काम हुड्डा पिता पुत्र ही कर रहे हैं l

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा अपनी ओर से उपचुनाव को लेकर कोई चर्चा ही नहीं कर रही है l बेशक अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है लेकिन इसकी तुलना में यदि हम दूसरे दलों की गतिविधियों पर नजर डालें तो हम पाएंगे की कुछ समय पहले तक बरोदा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के नेता गांव गांव गली गली धूल- भूल फाकते फिर रहे थे यह अलग बात है कि भाजपा के कुछ नेता जब कोरोना पॉजिटिव हो गए तो कार्यकर्ता भी एक तरह से बिलों में घुस गए l

इस समय भारतीय जनता पार्टी की चुनाव संबंधी गतिविधियां मंद पड़ गई है जेजेपी की सक्रियता भी कम हो रही है परंतु कांग्रेस के चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा जनसंपर्क के अपने अभियान को चलाए हुए हैं यहां कांग्रेस का मतलब हुड्डा और हुड्डा का मतलब कांग्रेस है बरोदा के उपचुनाव में एक बार भी न रणदीप सिंह सुरजेवाला नजर आए न प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा न श्रीमती किरण चौधरी और ना ही कैप्टन अजय यादव और कुलदीप बिश्नोई l वैसे इन नेताओं का बरोदा विधानसभा क्षेत्र में कोई ख़ास वजूद नहीं है जबकि जींद में हुए उपचुनाव में ऐसी स्थिति नहीं थी l वहां उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला के अतिरिक्त अन्य कांग्रेसी नेताओं भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुलदीप बिश्नोई, अशोक तवर, कुमारी शैलजा आदि कुछ न कुछ निर्णायक नजर आते थे यह अलग बात है कि उस चुनाव में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही l

बरोदा मैं जो लोग यह मानकर चल रहे हैं यहां तो मामलाा ही सारा भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है l हम यहां यह जरूर कह सकते हैं कि हरियाणा के अधिसंख्य कांग्रेस विधायक चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए काम करते नजर आएंगे क्योंकि हुड्डा के खेमे से बाहर चार पांच ही विधायक हैl चुनाव की घोषणा होनी अभी बाकी है और कुछ लोग अब यह भी कहने लगे हैं कि सरकार कोरोना के नाम पर चुनाव को आगे पीछे कर सकती है लेकिन जब चुनाव की घोषणा हो जाएगी तब भी कांग्रेस के शेष नेता केवल औपचारिकता के लिए बरोदा में नजर आ सकते हैं l

असल में दीपेंद्र हुड्डा को राज्यसभा में उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से हरियाणा में कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक तरह से अकेले से पड़ गए हैं l यदि खुदा एक तरफ है तो कांग्रेस के प्रदेश के अन्य सभी नेता दूसरी तरफ l भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ जयप्रकाश जेपी जरूर है परंतु अब विधायक नहीं है के साथ करण सिंह दलाल है लेकिन वे भी विधायक नहीं है कुलदीप शर्मा है वह भी विधायक नहीं है निचोड़ यह है कि बरोदा उपचुनाव की लड़ाई कांग्रेस की बजाए भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा लड़ रहे हैं और वही लड़ेंगे भी यदि टिकट कुमारी शैलजा के हस्तक्षेप से तय नहीं हुई तो यहां एक बड़ा पेच है वह यह कि ऐसी परिस्थितियां आ सकती हैं की कुमारी शैलजा दिवंगत विधायक श्री कृष्ण का हुड्डा कि परिवार के किसीी सदस्य को कांग्रेस की टिकट दिलाने में कामयाब हो जाए यदि ऐसा हुआ तो फिर यहां का पूरा गेम चेंज हो जाएगा वैसेेेvइसकी संभावनाएं कम ही नजर आ रही हैl

यहां कांग्रेस का एक कमजोर पक्ष यह भी है कि पिछले 6 सालों में हरियाणा में पार्टी संगठन के चुनाव भी नहीं हुए हैं डॉक्टर अशोक तंवर, कुमारी शैलजा बिना फौज के सेनापति कहे जा रहे हैं l

उधर भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के नेता कार्यकर्ता बरोदा क्षेत्र में पिछले 2 महीने से जबरदस्त पॉलिटिकल एक्सरसाइज करने में लगे हैं l मुख्यमंत्री मनोहर लाल, ओमप्रकाश धनखड़, जेपी दलाल, सांसद रामचंद्र जांगड़ा, विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा पार्टी के महासचिव संजय भाटिया, सांसद रमेश कौशिक राई के विधायक और अब जिलाध्यक्ष मोहनलाल बडोली, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, वरिष्ठ नेता ललित बत्रा लंबे समय से जनसंपर्क अभियान न लगे हुए थे परंतु अचानक संजय भाटिया और जेपी दलाल के कोरोना पॉजिटिव जाने के बाद बहुत से नेता और कार्यकर्ता आइसोलेट हो गए है l उधर जेजेपी की तरफ से अजय सिंह चौटाला, दिग्विजय सिंह और कुछ दिन पहले तक उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बरोदा हलके में चुनावी सभाएं करते रहे. यह अलग बात है कि पिछले 1 महीने से दुष्यंत चौटाला नदारद है आ ही नहीं रहे परंतु यह नहीं कहा जा सकता कि यहां जेजेपी चुनाव मैदान में नजर नहीं आ रही l

इंडियन नेशनल लोकदल भी अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है l यहां अभय सिंह चौटाला अर्जुन चौटाला पार्टी के अन्य नेता प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी, धर्मवीर पाढा, रणबीर देशवाल ने गांव में जाकर अपनी पार्टी की नीतियों का प्रचार किया धीरे धीरे आम आदमी पार्टी के चुनाव में अग्रसर हो रही है l परंतु जो स्थिति कांग्रेस में है वह किसी पार्टी में नहीं देखी जा रही अब देखते हैं चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेता बरोदा हल्के में आकर एक्टिव तरीके से काम करते हैं या नहीं ?