वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक मुरथल : ओशोधारा आनंद धाम माधोपुर में पूरे भारत के विभिन्न राज्यों से अधिक मात्रा में शिष्यों ने चैतन्य योग, ज्ञान योग और उमंग उपनिषद् कार्यक्रम 14 से 19 अक्तूबर 2024 में हर्ष और उल्लासपूर्वक सम्पन्न किए। ओशोधारा के संस्थापक समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने बताया कि सद्गुरू और शिष्यों के बीच ही उपनिषद् होता है। मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र ऊर्जा से संबंधित है। अनाहत चक्र उल्लास से, विशुद्धि चक्र उत्साह से ,आज्ञा चक्र विस्मय से और सहस्त्रार चक्र उमंग से संबंधित हैं। मन के आयाम पर बहुत चर्चा हुई। ओशोधारा मैत्री संघ हिमाचल प्रदेश के कोऑर्डिनेटर आचार्य कुंजबिहारी के साथ हिमाचल संघ के सभी मित्रों ने आदरणीय समर्थगुरु के दर्शन किये और पूरी टीम को समर्थगुरू का प्रेम आशीष मिला। हिमाचल में छोटे से छोटे और बड़े से बड़े ध्यान और योग कार्यक्रम आयोजित होंगे जिससे लोगों का उपकार होगा। ओशोधारा के सभी आध्यात्मिक कार्यक्रम अनुभव पर आधारित हैं । ओंकार का ज्ञान,आत्म ज्ञान और ब्रह्म ज्ञान का अनुभव पूर्ण सदगुरू ही करा सकता है। Post navigation हारने के बाद हार को स्वीकार ना करना कांग्रेस की पुरानी परम्परा : पंडित मोहन लाल बड़ौली सभी के जीवन में आध्यात्मिकता और महोत्सव अति आवश्यक है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया