– सभी अस्पताल अपने यहां 25 प्रतिशत कोविड बेड्स की संख्या को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रयास करें।  
– गुरुग्राम में कोविड मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं बैड, जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जाएगी संख्या।

गुरुग्राम 1 सितंबर ।गुरुग्राम के सभी प्राइवेट अस्पतालों को 5 जोन में बांटा गया है जिसके बाद सभी अस्पतालों को एंटीजन व एंटीबॉडीज टेस्ट करने की अनुमति दी जा रही है। इनमें से 4 जोन नगर निगम क्षेत्र और 1 जोन ग्रामीण क्षेत्र में बनाया गया है।

सभी अस्पतालों को जोन के हिसाब से पासवर्ड दिया जाएगा जिसके बाद वे अपने जोन में एंटीबॉडीज व एंटीजन टेस्ट कर सकेंगे। यह जानकारी आज सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में प्राइवेट अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक में दी। डॉ यादव ने कहा कि सभी अस्पतालों को आईसीएमआर पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। पहले से आईसीएमआर पोर्टल पर रजिस्टर्ड अस्पताल और लैब्स को दोबारा अपना रजिस्ट्रेशन  करवाने की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि टेस्ट केवल एनएबीएच अस्पताल, एनएबीएल लैब्स या फिर आईसीएमआर से अधिकृत अस्पताल और लैब्स को ही करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने सभी अस्पतालों से कहा कि वे एंटीबॉडीज और एंटीजन टेस्ट सरकार द्वारा निर्धारित फीस पर करे। एंटीबॉडीज टैस्ट के लिए 250 रुपए और एंटीजन टेस्ट के लिए 650 रुपए की फीस निर्धारित की जाए।

सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने कहा कि सभी अस्पतालों को सरकार द्वारा उसकी क्षमता के हिसाब से 25 प्रतिशत बेड्स कोविड मरीजों के लिए अलग से निर्धारित करने की हिदायत हंै। उन्होंने कहा कि पिछले 7 से 10 दिन के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। पहले जहां जिला में कोरोना के मामले  100 से नीचे आ रहे थे, वहीं अब बीते 10 दिन से यह आंकड़ा 100 से अधिक हो गया है। ऐसे में सभी अस्पतालों को अपने यहां कोविड बेडों की संख्या को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में इस समय कोविड मरीजों के लिए एक हजार बेड उपलब्ध हैं और जरूरत पड़ने पर संख्या बढ़ाई जाएगी।

– केवल गंभीर मरीजों को ही करें दाखिल, सभी को दाखिल करने की जरूरत नही।

सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने आज यह साफ किया कि कोरोना के सिंप्टोमैटिक मरीज जिनमें इसके लक्षण दिखाई पड़ रहे है या फिर उनकी स्थिति गंभीर है, तो ही उन्हें अस्पताल में एडमिट करें।  बिना लक्षण वाले मरीज या फिर जिनकी स्थिति और ऑक्सीजन लेवल सामान्य है, उसे अस्पताल में भर्ती न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को उसके कहने पर  एडमिट नहीं किया जाएगा बल्कि उसकी स्थिति को देखकर यदि आवश्यकता होगी तो ही भर्ती किया जाएगा।

– अस्पताल जीएमडीए के पोर्टल पर दिन में दो बार बैड्स की संख्या को करें अपडेट।

डॉ. यादव ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश देते हुए कहा कि वे कोविड-19 के तहत निर्धारित बेडों की संख्या को दिन में दो बार पोर्टल पर अपडेट करें ताकि बेड की उपलब्धता का प्रशासन को पता रहे। एक बार सुबह 10 से लेकर 11 बजे तक तथा दूसरी बार सांय 3 बजे से 5 बजे तक बेड्स का डेटा अपडेट करें।

– कोरोना से बचने के लिए और अधिक सावधानियां बरतनी जरूरी, गाइडलाइंस का विशेष रूप से करंे पालन।

सिविल सर्जन डॉ यादव ने कहा कि केस बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि अब लोगांे ने कोविड प्रोटोकाॅल के नॉर्म्स का पालन करना बंद कर दिया है। पहले जहां लोग बाहर से आते समय घर में घुसते ही हाथ धोते थे और सामाजिक दूरी नियम का पालन कर रहे थे, मास्क के इस्तेमाल पर अधिक ध्यान दे रहे थे, वहीं अब इसकी पालना कम देखने को मिल रही है।

उन्होंने गुरुग्राम वासियों से अपील करते हुए कहा कि अधिक भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। फेस मास्क लगाने पर विशेष तौर पर ध्यान दें, एक दूसरे के बीच 2 गज की दूरी बनाए रखंे और किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर अपने आप को सेल्फ आइसोलेट करें। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में ही नहीं बल्कि पूरे देश में इस समय कोरोना के मामलों में एक बार फिर से इजाफा देखा जा रहा है, ऐसे में लोगों को और अधिक सावधानियां बरतने के साथ सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइंस की विशेष तौर पर पालना करनी जरूरी है तभी हम इस महामारी से बच सकेंगेे।

डॉ यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग आपके टेस्ट कर सकता है, आपका इलाज कर सकता है ,आपको ट्रैक करते हुए आइसोलेट कर सकता है, होम क्वारांटाइन कर सकता है लेकिन नियमो की पालना तो व्यक्ति को स्वयं ही करनी होगी।

सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस , ऑटो रिक्शा, कैब, या फिर किसी भी अन्य साधन में उसकी निर्धारित सीटों की क्षमता के अनुसार यात्रा करें। ऑटो रिक्शा तथा कैब में उचित दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए यह जरूरी है कि हम बाहर जाते समय फेस मास्क का इस्तेमाल करें और अपने हाथो को मुंह पर न लगाएं । हाथो को समय समय पर सैनीटाइज करे और इसके लिए अन्य लोगो को भी जागरूक करें ।

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