31 अगस्त 2020, स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि नारनौल की एसपी ने अपने बदली से ठीक पूर्व हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार के मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर साबित कर दिया कि हरियाणा में निर्वाचित सरकार का अफसरशाही पर कोई नियंत्रण नही है।

 विद्रोही ने कहा कि जब सरकार के मंत्री ही एसपी को भ्रष्ट व गुंडों से मिला हुआ बता रहे है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि हरियाणा में कानून व्यवस्था कितनी लचर हो चुकी है और प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। यदि मंत्री के अनुसार एसपी भ्रष्ट है व गुंडों, अपराधियों से मिलकर अपराध, रंगदारी जैसी घटनाएं करवाती है तो साफ है कि स्वयं मुख्यमंत्री व संघी ही भ्रष्ट है जो ऐसे भ्रष्ट अफसरों को महत्वपूर्ण पोस्टिंग देकर सत्ता के बल पर प्रदेश को लूट रहे है।

सवाल उठता है कि जब महत्वपूर्ण पोस्टिंग पर काबिज अफसर भ्रष्ट है तो उन्हे मलाईदार पोस्टों पर नियुक्ति करने वाला मुख्यमंत्री कैसे ईमानदार हो सकता है।

 विद्रोही ने मांग की कि नारनौल की निवर्तमान एसपी पर सरकार के मंत्री द्वारा लगाये भ्रष्टाचार व अपराध में संलिप्ता के गंभीर आरोपों व उसके जवाब में एसपी की दर्ज एफआईआर की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में हो ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। 

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