सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं इतनी लचर है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, संतरी, सांसद, विधायक इनमें कोरोना संक्रमण का ईलाज करवाना सुरक्षित नही मानते। 31 अगस्त 2020, स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि कोरोना संक्रमित होते ही जिस तरह से हरियाणा भाजपा-खटटर सरकार के मुख्यमंत्री, भाजपा सांसद व विधायक, संघी नेता सरकारी अस्पतालों को दरकिनार करके गुरूग्राम स्थित सेवन स्टार होटल रूपी मेदांता अस्पताल की ओर दौड़ रहे है, उससे आम लोगों में साफ संदेश चला गया है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं इतनी लचर है कि मुख्यमंत्री, मंत्री, संतरी, सांसद, विधायक इनमें कोरोना संक्रमण का ईलाज करवाना सुरक्षित नही मानते। विद्रोही ने कहा कि जब सरकार के कर्ताधर्ताओं को ही अपने सरकारी अस्पतालों पर विश्वास नही है तो आमजन इन सरकारी इस्पतालों के ईलाज गुणवत्ता पर कैसे विश्वास करेगा। आश्चर्य है कि हरियाणा के सत्ताधारियों केा प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान पीजीआई चंडीगढ़ व पीजीआई रोहतक व एम्स बाढ़सा की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी विश्वास नही है। सवाल उठता है कि सत्ताधारी इन उच्च स्वास्थ्य संस्थानों पर अविश्वास जताकर मेदांता की ओर क्यों भाग रहे है? विद्रोही ने कहा कि लगता है कि हरियाणा के संघी सत्ताधारियों को कोरोना ईलाज से ज्यादा सेवन स्टार होटल की लक्जरी सुविधाओं की ज्यादा जरूरत है। सत्ता में आने से पहले अपने को स्वयंसेवक बताकर लोगों को भावनात्मक रूप से ठगकर राजनीतिक व सामाजिक दुकाने चलाने वाले संघी अब सत्ता मिलने के बाद पांच सितारा संस्कृति के इतने शौकिन हो गए है कि उन्हे ईलाज के लिए भी पांच सितारा, सेवन स्टार होटलों जैसी सुविधा वाले अस्पताल चाहिए। संघी सत्ताधारियों की यह सोच बताती है कि वे कितने और कैसे संस्कारी है? विद्रोही ने कहा कि अब यह साबित हो गया है कि सादगी, ईमादारी से जीवन यापन का संघीयों का दावा भी एक जुमला है। Post navigation आखिर व्यापारियों ने क्यों पाल लिया भ्रम हरियाणा में निर्वाचित सरकार का अफसरशाही पर कोई नियंत्रण नही : विद्रोही