नारनौल महिला कालेज के प्राचार्य पर 52 लाख की खरीद में गबन का आरोप, उच्चतर शिक्षा निदेशक ने बनाई जांच कमेटी

–गबन के आरोपी रिटायर्ड प्राचार्य को जिला के एक बडे भाजपा नेता द्वारा बचाने का आरोप
–डीडी पावर का गलत इस्तेमाल करके मात्र छह महीने ही कर डाली खरीद
–शिकायतकर्ता एक प्रोफेसर ने बिलों व स्टॉक रजिस्टर के रिकार्ड की फोटो प्रतियां भेजी सीएम व उच्चाधिकारियों को

नारनौल, (रामचंद्र सैनी): नारनौल के राजकीय महिला महाविद्यालय में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डा.पवन कुमार शर्मा ने पिछले माह रिटायर्ड हुए कालेज के प्राचार्य राजेंद्र कुमार पर विभिन्न आइटमों की 52 लाख रुपये की खरीद में भारी गबन का आरोप लगाया है। यह 52 लाख रुपये की खरीद भी महज 6 महीनों के दौरान ही करने की बात कही गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि रिटायर्ड प्राचार्य राजेंद्र कुमार जिला के एक बड़े भाजपा नेता का नजदीकी है। प्राचार्य का परिवार भी सक्रिय रूप से राजनीति में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी लेता है, जिसके चलते उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

डा.पवन कुमार ने बताया कि उसने अब पिछले सप्ताह एक दूसरी शिकायत प्रदेश के सीएम व उच्चतर शिक्षा विभाग के पंचकूला स्थित अधिकारियों को फिर से भेजी है। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक आइएएस अजीत बाला जोशी ने मोबाइल पर हुई बातचीत में पुष्टिï की है कि उन्हें नारनौल महिला कालेज की खरीद मामले की शिकायत मिल गई है। आइएएस अजीत बाला जोशी ने बताया कि इस मामले में उन्होंने विभाग के उच्चाधिकारियों की एक जांच कमेटी बना दी है, जो इसकी गहराई से जांच करेगी।

डा.पवन कुमार शर्मा ने अपनी शिकायत में लिखा है कि एसोसिएट प्रोफेसर राजेंद्र कुमार यादव पिछले 15 सालों से लगातार स्पोटर्स के इंचार्ज बने हुए हैं। पिछले कई सालों से राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके डीडी पावर हासिल करके इसका जमकर दुरूपयोग किया गया है। शर्मा ने बताया कि उन्हें कालेज का आरटीआई का एपीआईओ बनाया गया था। 22 फरवरी 2020 माह में कालेज में खेल के सामान व अन्य खरीद से संबंधित एक आरटीआई का आवेदन आया था।

आरटीआई का जवाब व जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए जब उसने आरटीआई से संबंधित रिकार्ड खेल इंचार्ज एवं प्राचार्य से मांगा तो पीआईओ और उन्हें दोनों को हटा दिया ताकि उनकी पोल ना खुल सके। उन्होंने बताया कि इसके बाद भी उन्हें किसी तरह कालेज में की गई खरीद का रिकार्ड हासिल हुआ तो वे हैरान हो गए।

डा.पवन कुमार शर्मा ने बताया कि जुटाए गए रिकार्ड में महज 6 महीने के दौरान की 52 लाख रुपये की खरीद की गई थी। जिसमें कालेज के एसी, बोर्ड व कीमती खेल का सामान था। इस खरीद में सीनियर व किसी एक्सपर्ट को खरीद कमेटी में शामिल तक नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि कालेज के रिकार्ड की बात है कि महिला कालेज की किसी भी टीम ने पिछले 15 सालों में लॉन टेनिस खेल में भाग नहीं लिया है, इसके बावजूद हर साल इस खेल के लाखों रुपये के आइटम खरीदे दिखाकर उनके फर्जी बिल लगाए गए हैं। सबसे बडी बात 2017 और 2018 में के स्टॉक रजिस्ट्रर में भी एक ही आइटम के सामान की एंट्री दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात तो यह भी है कि कालेज की किसी भी छात्रा को खेल का सामान इश्यू तक नहीं दिखाया गया है, यह एक बड़ा घोटाला है।

शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि 25 मार्च के बाद से कालेज लगातार बंद चला आ रहा है लेकिन लॉक डाउन में हजारों रुपये प्रति माह पेयजल के टैंकरों का भुगतान करके उनकी रसीदे लगा दी गई है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि एसी, बोर्ड व अन्य उपकरण में भारी गोलमाल है। इन उपकरणों पर चिट नामी कंपनियों की लगवाकर महंगे दामों के बिल बनवाये गए हैं जबकि ये उपकरण अंदर से लोकल ही है। डा.पवन कुमार शर्मा ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने तथा जांच में उन्हें शामिल करने की भी मांग की है।

मिल गई है शिकायत, जांच कमेटी गठित: आइएएस जोशी

इस संबंध में जब पंचकूला स्थित विभाग के उच्चतर शिक्षा निदेशक आइएएस अजीत बाला जोशी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नारनौल महिला कालेज की शिकायत उन्हें मिल गई है। इसकी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जांच में जो भी दोषी होगा उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
—–

You May Have Missed

error: Content is protected !!