पहली बार जिला प्रधानों की सूची को आलकमान ने परखा, प्रकोष्ठों और मोर्चों के पदाधिकारी भी प्रदेश कार्यालय से होंगे तय ईश्वर धामु चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा में ऐसा पहली बार हुआ है कि जिला प्रधानों की सूची पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नाड्डा की मोहर लगी है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से जुड़े सूत्रों के अनुसार जिला प्रधानों की सूची निवर्तमान प्रदेश प्रधान सुभाष बराला के समय में ही बन गई थी। परन्तु बराला का कार्यकाल समाप्त हो गया था और नए प्रदेश प्रधान बनाने की पार्टी में प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी थी तो इस सूची का ऐलान करने से रोक दिया गया। चर्चा यह रही कि नया प्रदेश प्रधान इस सूची को चैक करके इसमें अपने अनुसार फेरबदल करेंगे। इसी कारण को लेकर जिला प्रधानों की सूची को नया प्रदेश प्रधान बनने तक रोक दिया गया। पश्चात नए प्रधान को लेकर बड़ी उठाक पटाक चली। करीब दो सप्ताह की इंतजार के बाद ओम प्रकाश घनखड़ को प्रदेश प्रधान घोषित कर दिया गया। धनखड़ पदभार सम्भालते ही एक्षन में आ गए और उन्होने संगठन का काम जाने वाले पदाधिकारियों के अनुभव सांझा करने से शुरू किया। साथ ही उन्होनेे जिला प्रधानों की सूची के नामों पर भी मंथन शुरू कर दिया। बताया जाता है कि उन्होने पहले से बनी हुई सूची में कोई थोड़ा फेरबदल किया। उन्होने सभी सेमीकरणों को ध्यान में रख कर अपनी टीम का गठन कर दिया। चर्चाकार बताते हैं कि पार्टी आलाकमान ने जिला प्रधानों की सूची मांग ली। यह सूची पार्टी आलाकमान को भेज दी गई। सूची मिलने के बाद प्रदेश प्रधान ओम प्रकाश धनखड़ से आलाकमान ने विचार मंथन किया। बताया गया है कि इस बारे नाड्डा ने हर एंगल से चर्चा की और सभी नामों की अभी तक की प्रोफाइल बारे जानकारी ली। पूरी तरह से संतुष्टी के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जिला प्रधानों की सूची जारी करवाई। हरियाणा में ऐसा पहली बार हुआ है कि जिला प्रधानों की सूची पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चर्चा की हो? बताया गया है कि प्रदेश प्रधान ओम प्रकाश धनखड़ को अपनी टीम पर बहुत बड़ा भरोसा है। दूसरी ओर उनके जिला प्रधानों ने भी उनको शत प्रतिशत परिणाम देने का विश्वास दिलाया है। राजनैतिक चर्चाकार कहते हैं कि अगर धनखड़ अपनी रणनीति को क्रियांवित करने में सफल रहे तो वें संगठन को एक नई बुलंदी देंगे। दूसरी ओर इस बार संगठन के जिला पदाधिकारियों में महत्वपूर्ण पद महामंत्री मनोनीत करने में प्रदेश आलाकमान का पूरा दखल रहेगा। भाजपा सूत्र बताते हैं कि यह भी पहली बार हो रहा है कि जिला महामंत्री की नियुक्ति सीधे जिला प्रधान नहीं कर पायेंगे। नए आदेशों के अनुसार प्रदेश आलाकमान ने अपने जिला प्रधानों से दो महामंत्रियों के लिए 6-6 नाम मांगे हैं। जिला प्रधानों द्वारा भेजे गए 6-6 नामों में से प्रदेश प्रधान दो नामो को फाइनल करेंगे। प्रदेश प्रधान द्वारा महामंत्रियों के नाम फाइनल करने से पहले जिला प्रधानों से अवश्य एक बार राय जी जायेगी। पता चला है कि जिला प्रधानों ने अभी से महामंत्रियों के नामों का मंथन प्रारम्भ कर दिया है। एक सप्ताह में जिला प्रधान प्रदेश कार्यालय को अपनी सूची भेज देंगे। यह भी बताया गया है कि इसी तरह जिला स्तरीय प्रकोष्ठों व मोर्चो के प्रधानों के नामों पर प्रदेश प्रधान की मोहर लगेगी। इसलिए जिला स्तर पर पद चाहने वालों ने अपने आकाओं के चक्कर लगाने शुरू कर दिए है। चर्चाकार यह भी बताते हैं कि जिला महामंत्रियों की सूची में स्थानीय विधायक की सिफारिश मानी जाए, यह आवश्यक नहीं होगा। इस प्रक्रिया में पूर्णरूप से प्रदेश प्रधान सक्षम रहेगा। Post navigation हरियाणा सरकार पर कोरोना का कहर-मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष के बाद अब मंत्री भी कोरोना पॉजिटिव बरोदा उपचुनाव में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है सोनीपत जिले का मशहूर गांव भैंसवाल कलां