– हालात सामान्य होने तक नहीं होनी चाहिए परीक्षाएं – दिग्विजय चौटाला – कोरोना काल में जेईई और नीट परीक्षा के लिए 15 लाख युवाओं को खतरे में डालना ठीक नहीं – दिग्विजय

चंडीगढ़, 23 अगस्त। छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (INSO) ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर सितंबर में प्रस्तावित जेईई और नीट की परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि देशभर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप दिनों-दिन फैलता जा रहा है और हर रोज 70 हजार के करीब कोरोना के नए मामले सामने आ रहे है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने न सिर्फ छात्रों की शारीरिक सेहत बल्कि उनकी मानसिक सेहत पर भी बड़ा प्रभाव डाला है इसलिए कोरोना महामारी से हालात सामान्य होने तक नीट व जेईई की परीक्षाएं न करवाई जाए।

दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि जेईई व नीट की परीक्षा के लिए देशभर से लगभग 15 लाख छात्र परीक्षा देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते देशभर में यातायात की सेवाएं पूर्ण रूप से शुरू नहीं हो पाई है और रेलवे ने भी सितंबर अंत तक अपनी सेवाएं बंद रखने का फैसला लिया है। इनसो अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे में जहां परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्र तक पहुंचना बहुत मुश्किल होगा तो वहीं इतनी भारी संख्या में जब परीक्षार्थी अपने घर से बाहर निकलेंगे तो उन्हें कोरोना संक्रमण के खतरे का सीधा सामना करना पड़ेगा। दिग्विजय ने ये भी बताया कि जहां भी अभी तक परीक्षाएं हुई है, वहां सरकार द्वारा जारी एसओपी लागू न हो पाने की वजह से बड़ी संख्या में छात्र कोरोना महामारी से संक्रमित हुए हैं। उन्होंने कहा कि साल के इस समय में सामयिक व रोगजन्य बीमारियों के फैलने का खतरा वैसे भी काफी ज्यादा रहता है।

दिग्विजय सिंह चौटाला ने बताया कि जब से सुप्रीम कोर्ट ने नीट व जेईई परीक्षा करवाने की हरी झंडी दी है, तब से देश के अलग-अलग हिस्सों में कई परीक्षार्थियों के आत्महत्या करने के मामले भी सामने आये  है। उन्होंने कहा कि इन सभी परिस्थितियों में परीक्षार्थियों में डर का माहौल है और उनकी मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। दिग्विजय ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीट व जेईई की परीक्षाओं को कोरोना महामारी से हालात सामान्य व सुरक्षित होने तक स्थगित की जाए ताकि छात्रों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

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