कभी-कभी ही होती है ऐसी झमाझम मूसलाधार बरसात. अचानक उम्मीद से अधिक बरसात आने पर जलभराव स्वभाविक. ऐसी मूसलाधार बरसात से भूमिगत जल स्तर ऊपर उठेगा फतह सिंह उजाला पटौदी । बीते 48 घंटे के दौरान पटौदी सहित पूरे जिला गुरुग्राम में झमाझम और मूसलाधार बरसात हुई है। बरसात होने के साथ जलभराव की समस्या और अनेक स्थानों पर बरसाती पानी भरने को लेकर जिला के विभिन्न विभागों जैसे जीएमडीए, गुरुग्राम नगर निगम, जिला प्रशासन, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, जिला परिषद, नगर पालिकाओं व अन्य विभागों पर उंगली उठाते हुए सरकार को भी लपेट लिया गया । इन सब बातों से इतर पटौदी के विधायक एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता की सोच और नजरिया कुछ अलग ही दिखाई दिया है । सत्य प्रकाश जरावता ने बीते 48 घंटे के दौरान संपूर्ण जिला गुरुग्राम में हुई झमाझम और मूसलाधार बरसात का स्वागत करते हुए इसे कुदरत का अनमोल तोहफा बताया है । उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बरसात कभी-कभी और लंबे अरसे के बाद ही होती है और जब अचानक इस प्रकार की बरसात हो तो जलभराव भी होना स्वभाविक बात है । उन्होंने कहा जब एक बार जरूरत से अधिक पानी कहीं भी आ जाएगा तो वह ढलान वाले स्थानों पर ही ठहरेगा या भरेगा । इस बात में कोई शक नहीं की आज की व्यवस्था हालात और सुविधा को देखते हुए जलभराव होने से लोगों को परेशानी भी झेलनी पड़ती है । लेकिन इस प्रकार की बरसात का जो सबसे अधिक फायदा होने वाला है, उसकी तरफ बहुत कम लोगों का ध्यान जाता है । एमएलए एडवोकेट एडवोकेट सत्यप्रकाश जरावता ने बेबाक अपनी बात मजबूती से रखते हुए कहा कि जिला गुरुग्राम में बीते 2 दिनों के दौरान 968 मिलीमीटर बरसात हुई है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड बरसात होना है । उन्होंने कहा की हम सभी को यह नहीं भूलना चाहिए जिला गुरुग्राम डार्क जोन में शामिल है और यहां भूमिगत जल स्तर बहुत नीचे जा चुका है । इस प्रकार की बरसात होने का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि जब यह बरसाती पानी जमीन के नीचे जाएगा तो जल स्तर ऊपर उठना स्वाभाविक बात है और जब जलस्तर ऊपर उठेगा तो उसका सभी को आने वाले समय में लाभ मिलना तय है । 20 अगस्त गुरुवार को जिला गुरुग्राम में कुल 722 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई। इसमें सबसे अधिक बरसात गुरुग्राम में 158 मिलीमीटर , वजीराबाद में 128 मिलीमीटर , सोहना में 104 मिलीमीटर , मानेसर में 127 मिलीमीटर , पटौदी में 129 मिलीमीटर और फरुखनगर में 76 मिलीमीटर बरसात होना मौसम विभाग के द्वारा दर्ज किया गया है । इससे पहले बुधवार को जिला गुरुग्राम में कुल 246 मिलीमीटर बरसात होना दर्ज किया गया । इसमें भी सबसे अधिक बरसात गुरुग्राम में 95 मिलीमीटर, वजीराबाद में 50 मिलीमीटर, मानेसर में 75 मिलीमीटर, पटौदी में 21 मिलीमीटर, फरुखनगर में तीन और सोहना में 2 मिलीमीटर बरसात होना दर्ज किया गया । यह बरसात कुल 246 मिलीमीटर हुई । विधायक सत्यप्रकाश जरावता के मुताबिक इस बात में कोई शक अथवा गुंजाइश नहीं कि अब अधिकांश स्थानों पर पक्के निर्माण हो चुके हैं, सड़कों के किनारे या जहा भी खाली जगह अथवा स्थान हो वहां अपनी सुविधा और सहूलियत के लिए कथित रूप से लोग पक्का निर्माण इंटरलॉक टाइल इत्यादि लगा लेते हैं अथवा चबूतरे व अन्य प्रकार का पक्का निर्माण कर लेते हैं । जिसके कारण बरसात होने पर जो पानी जमीन में जाना चाहिए वह नहीं जा पाता है । उन्होंने कहा कि सरकार, शासन, प्रशासन के द्वारा भूमिगत जल स्तर को ऊपर उठाने और ऊंचा उठाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं । इनका यही मकसद है कि बरसाती पानी को लेकर जमीन के अंदर डाला जा सके । एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश गुप्ता का यही मानना है कि अचानक उम्मीद से अधिक बरसात होने के बाद जलभराव से कुछ घंटे की परेशानी के बाद जो सुविधा बरसाती पानी के जमीन में जाने के बाद भूमिगत जलस्तर ऊपर आने की प्राप्त होगी उस लाभ की तरफ भी हम लोगों को देखना और सोचना चाहिए । Post navigation … जनाब अब पारदर्शिता के लिए जवाब तो देना ही होगा ! अधिकारियों ने आम जनता को बना के रख दिया है फुटबॉल !