भारत सारथी/ऋषिप्रकाश कौशिक
कल देर रात्रि प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी। उसमें गुरुग्राम से गार्गी कक्कड़ को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।

जैसा कि पहले ही विदित था कि जिला अध्यक्ष की उम्मीदवारी में अनेक नाम थे। जाहिर बात है कि उनमें से कुछ को अफसोस भी हुआ होगा, हुआ है भी लेकिन मुखर होकर कुछ बोल नहीं रहे और आज सारा दिन सोशल मीडिया पर और सूचनाओं के अनुसार उनके घर और फोन पर बधाइयों का सिलसिला चलता रहा है।

वैसे देखा जाए तो यह फैसला उचित ही लगता है, क्योंकि श्रीमती गार्गी कक्कड़ वर्षों से भाजपा से जुड़ी हुई हैं। जहां तक मुझे याद आता है सन् 1992 में बूथ समिति की सदस्य बनीं थीं और 1994 में वह बूथ समिति की सचिव बन गई थीं। 15 अगस्त 1996 को युवा मोर्चा मंडल में और महिला मोर्चा की सचिव भी रहीं, मंडल महामंत्री रहीं, महिला मोर्चा में भी महामंत्री की जिम्मेदारी निभाई। भारतीय जनता पार्टी में जिले की महामंत्री भी वह रह चुकी हैं और इन्हीं के कार्यकाल में ग्रामीण और शहरी दो जिले अलग-अलग हो गए थे। अर्थात उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनों जिलों के महामंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी और उसी कार्यकाल में मुझे याद आता है कि लगभग 8-9 माह अध्यक्ष और महामंत्री दोनों की जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था। अत: इस प्रकार देखा जाए तो वह अनेक वर्षों से भाजपा के लिए कार्य कर रही हैं।

वह भाजपा में सचिव के दायित्व को भी निभा रही हैं। रेवाड़ी जिले की प्रभारी भी रहीं। दूसरी योजना में जब वह प्रदेश सचिव बनी तो फरीदाबाद जिले की प्रभारी भी बनी और चुनाव प्रबंधन का दायित्व निभाया। इसी प्रकार पार्टी उन्हें बड़ी-बड़ी रैलियों का कार्य देती रहती है।

श्रीमती गार्गी कक्कड़ जब भाजपा का वर्चस्व नहीं था, तब निगम पार्षद बनीं। दो बार वह माता शीतला बोर्ड की सदस्य भी रह चुकी हैं। यह तो सर्वविदित है कि पिछले समय वह हरियाणा खादी ग्रामोद्योग की चेयरमैन रहीं। इस प्रकार देखें तो ज्ञात हो जाएगा कि पार्टी में उनका कद बढ़ा है और वह शायद उनकी कार्यकुशलता और नेतृत्व क्षमता के कारण ही है।

सामाजिक कार्यों में भी उनकी रूचि रही है। एक एनजीओ के माध्यम से उन्होंने महिला उत्थान के लिए बहुत काम किए। उस समय जब लोग इस ओर ध्यान नहीं दिया करते थे। इसके अतिरिक्त वह रेडक्रॉस हरियाणा की आजीवन सदस्य भी हैं और एनिमल वेलफेयर बोर्ड भारत सरकार की भी सदस्य हैं। इन सभी बातों को देखकर अनुमान लगाए जा सकते हैं कि आने वाले समय में वह अच्छा कार्य करेंगी।

हरियाणा में भाजपा की प्रथम जिला अध्यक्षअनुराधा शर्मा

मातृशक्ति के जिला अध्यक्ष पद पर रहने की बात हो तो उस नाम का जिक्र न किया जाए, जो हरियाणा में भाजपा की प्रथम जिला अध्यक्ष बनीं तो शायद बात अधूरी ही रह जाएगी। याद आता है कि बात शायद सन् 2000 की है, जब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुग्राम में सर्वप्रथम अनुराधा शर्मा को जिले की जिम्मेदारी सौंपी थी और आपको बता दें कि उस समय का गुरुग्राम जिला बहुत बड़ा था। मेवात उसमें शामिल था और इतने बड़े जिले की जिम्मेदारी को अपने पूरे कार्यकाल में सफलतापूर्वक निभाकर उन्होंने यह साबित कर दिया था कि महिलाएं भी नेतृत्व क्षमता में पुरूषों से कम नहीं हैं।

वर्तमान में पता नहीं भाजपा की क्या नीति और नियति है कि ऐसे कर्मठ और कर्मशील कार्यकर्ताओं का अब कहीं सक्रिय राजनीति में नाम सुनाई नहीं दिया देता। एक अनुराधा शर्मा ही नहीं अनेक नाम हैं, जो पहले अच्छा कार्य करते रहे थे लेकिन वर्तमान में वे वरिष्ठता का पूरा सम्मान न पाने के कारण निष्क्रिय होकर घरों में बैठे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि वह हर कार्यकर्ता का पूरा सम्मान करेंगे तो प्रदेश अध्यक्ष जी इस प्रकार के निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को भी सम्मान देकर सक्रिय करने का काम करेंगे?

यह समय भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण है। इस समय जनाधार घटने की ओर है। पार्टी कई चरणों में बंटी नजर आती है। ऐसे में जिला अध्यक्ष का कार्य भी बहुत चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। जैसे चुनौतियां प्रदेश अध्यक्ष के लिए हैं, उससे बड़ी चुनौतियां गुरुग्राम जिले के जिला अध्यक्ष के सामने भी मुंह बाये खड़ी हैं। अब यह आने वाला समय तय करेगा कि मातृशक्ति के रूप में इस पद पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के आशीर्वाद से जो जिम्मेदारी गार्गी कक्कड़ को मिली है, उसे कितना पूरा कर पाएंगी। वैसे पुराना रिकॉर्ड तो सफलताओं का है परंतु यह समय शायद पुराने सभी समय से अधिक चुनौतीपूर्ण है।

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