फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम /पटौदी ।  सावन माह समाप्त हो चुका है और भादो इस समय चल रहा है । लेकिन सावन माह करीब-करीब सूखा निकल जाने के बाद भादो ने सावन के रंग दिखाने आरंभ कर दिए हैं । बुधवार को हुई बरसात के बाद धारूहेड़ा से लेकर गुरुग्राम तक दिल्ली-जयपुर हाईवे पूरी तरह पानी की नहर बना दिखाई दिया । गुरुग्राम शहर की बात करें तो शहर में शायद ही कोई ऐसा अंडरपास बचा होगा जो कि बरसाती पानी की निकासी की सही प्रकार से व्यवस्था नहीं होने के कारण झील में तबदील ना हुआ हो।

ऐसे विभिन्न अंडरपास में जलभराव के अनेक लोगों के वाहन और कीमती गाड़ियां भी बंद होकर फंसी दिखाई दी है । मानसून से पहले जिला प्रशासन, गुरुग्राम नगर निगम , जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग सहित अन्य सभी विभाग के साथ-साथ जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि भी यह दावा करते नहीं चूकते थे कि मानसून में इस बार शहर और यहां रहने वाले लोगों को जलभराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। लेकिन एक झमाझम बरसात होते ही तमाम दावे पानी पानी हुए दिखाई देते रहते हैं।

गुरुग्राम की लाइफ लाइन कहलाने वाले गोल्फ कोर्स रोड का अंडरपास पूरी तरह बरसाती पानी से लबालब भर गया । यह वह स्थान है जहां से गुरुग्राम सिटी के चारों तरफ अथवा चारों दिशाओं में लोगों का आवागमन होता है। इसी प्रकार नया गुरुग्राम कहलाने वाले डीएलएफ 1-2-3 बदहाल ही दिखाई दिए। यहां भी बरसाती पानी ऐसा भरा कि यहां बने तमाम आवास के बेसमेंट में भी बरसाती पानी घुस गया। नरसिंहपुर से हीरो होंडा चैक तक भी देर सांय तक बरसाती पानी हिलोरे ले रहा था । सबसे अधिक समस्या और परेशानी दो पहिया वाहन चालकों को झेलनी पड़ी । दो पहिया वाहन ही नहीं चार पहिया कीमती गाड़ियां भी बरसाती पानी में डूबी हुई दिखाई दी । लग्जरी गाड़ियां ऐसी डूबी कि गाड़ियों के दरवाजे बंद होने के बाद भी बरसात का पानी गाड़ियों में अंदर तक घुस गया । इससे अनेक गाड़ियां बंद होकर जहां थी वहीं पर ही ठहर गई ।

बुधवार को मौसम विभाग के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुग्राम सिटी में 95 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई । वही वजीराबाद में 50 मिलीमीटर , गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में 75 मिलीमीटर, शहर से बाहर देहात कहलाने वाले पटौदी में 21 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई । वही फरुखनगर में कुल 3 और सोना में कुल 2 मिलीमीटर बरसात होना दर्ज किया गया है । बरसात के कारण जलभराव होने से कई स्थानों पर दीवारें गिरने की भी जानकारी सामने आई है । दिल्ली जयपुर हाईवे हो या फिर गुरुग्राम का राजीव चैक या फिर रेलवे रोड या फिर कोई और अन्य सड़क मार्ग जहां देखो बरसाती पानी हिलोरे ले रहा दिखाई दिया । बरसाती पानी की निकासी कि सही प्रकार से व्यवस्था नहीं होने अथवा बरसाती नाले और अन्य ड्रेनेज की सफाई समय रहते नहीं किया जाने का खामियाजा शहर और शहर के लोगों के साथ साथ गुरुग्राम से होकर गुजरने वाले अनेक वाहन चालकों को भी भुगतना पड़ गया है । वही यह भी तर्क दिए जा रहे हैं कि कोरोना कोविड-19 महामारी को देखते हुए गुरुग्राम प्रशासन का सारा ध्यान इसके नियंत्रण की तरफ अधिक लगा हुआ था ।

वहीं विपक्ष भी बरसाती पानी के भराव के बाद सवाल के साथ-साथ कटाक्ष करने लगा है कि हरियाणा के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने के बाद जो विश्व पटल पर साइबर सिटी के नाम से पहचान बना चुके गुरुग्राम में आखिर ऐसी कोई ठोस योजना क्यों तैयार नहीं हो पा रही है कि बरसात का पानी अधिक समय तक ना ठहर सके । खासतौर से शहर में जहां जहां ओवरब्रिज बने हैं , वहीं विभिन्न स्थानों पर बिना रुके सुचारू यातायात के लिए बनाए गए अंडर पास में भी बरसाती पानी नहीं भरे । इसकी भी ठोस योजना अभी तक नहीं बन सकी है । बहर हाल जलभराव के कारण साइबर सिटी वाटर सिटी ही अधिक दिखाई दे रहा है।

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