=शहर के अधिकांश क्षेत्रों में रही जलभराव की समस्या=आवासीय क्षेत्रों में कई-कई फुट पानी हो गया खड़ा गुरुग्राम। पिछले एक पखवाड़े से गर्मी व उमस ने साईबर सिटीवासियों को परेशान कर रखा था। हर कोई इंद्रदेव से यही प्रार्थना कर रहा था कि बारिश पर भीषण गर्मी व उसम से राहत दिलाएं। बीती देर रात व बुधवार की प्रात: से ही बारिश होनी शुरु हो गई थी। झमाझम बारिश हुई, जिससे साईबर सिटीवासियों को गर्मी व उमस से राहत तो अवश्य मिली, लेकिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों सहित राष्ट्रीय राजमार्ग पर जलभराव हो जाने के कारण परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। तेज बारिश ने जहां जहां शहरवासियों को राहत दी है, वहीं उनकी आफत भी बढ़ाकर रख दी है। जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुडग़ांव में प्रात: 11 बजे तक जहां 95 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई, वहीं जिले के बजीराबाद में 50 एमएम, सोहना में 2 एमएम, मानेसर में 75 एमएम, पटौदी में 21 एमएम व फर्रुखनगर तहसील में 3 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। प्रशासन का कहना है कि गुडग़ांव में बीती देर रात करीब 23 एमएम बारिश भी रिकॉर्ड की गई है। दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग बारिश के कारण प्रभावित रहा। वाहनों की नरसिंहपुर से लेकर राजीव चौक तक लंबी कतारें लग गई। बारिश के पानी ने वाहनों की गति रोक कर रख दी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाए गए अंडरपास में भी कई-कई फुट पानी खड़ा हो गया। उधर ओल्ड गुडग़ांव के पालम विहार, सैक्टर 4/7, लक्ष्मण विहार, सूर्य विहार, देवीलाल कालोनी, भवानी एंक्लेव, सूरत नगर, राजेंद्रा पार्क, भीमगढ़ खेड़ी, हुडा के विभिन्न सैक्टरों सहित नए गुडग़ांव के डीएलएफ, सुशांत लोक, साउथ सिटी व आवासीय सैक्टरों में भी जलभराव की समस्या बनी रही। हाईराइज बिल्डिंग सोसाटियों में रहने वाले लोगों को भी बारिश के कारण भारी समस्या का सामना करना पड़ा। हालांकि नगर निगम प्रशासनने कई स्थानों पर जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए पंप आदि की व्यवस्था की हुई है, लेकिन यह व्यवस्था पर्याप्त नजर नहीं आ रही है। शहरवासियों का कहना है कि नगर निगम व जीएमडीए प्रशासन हर वर्ष करोड़ों रुपए बारिश से बचाव के कार्यों पर खर्च करता आ रहा है, लेकिन प्रतिवर्ष शहरवासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। Post navigation वन नेशन-वन मार्किट की तर्ज पर किसान अपनी उपज को बेच सकेगा किसी भी राज्य के बाजार में – विधायक संजय सिंह। .. जनाब साइबर सिटी नहीं वाटर सिटी कहिये !