गुरुग्राम के कई इलाके भारी जलभराव से ग्रस्त है जिनमें इफको मेट्रो स्टेशन सोना रोड सुशांत लोक बस स्टैंड दिल्ली रोड वादे आदि प्रमुख है कुछ घंटों की बारिश है नगर की व्यवस्था जी पोल खोल कर रख दी है.
विधायक सुधीर सिंगला

शायद प्रशासन का यह सोचना था गुड़गांव में तो बरसात आती नहीं और आएगी तो पहली बरसात में सीवर साफ़अपने आप साफ़ हो जाएंगे सांप सांप सांप और उसके बाद अगली बरसात में यातायात सुगम रहेगा क्योंकि पानी के भाव से भाव भाव बढ़ाओ सीवर साफ़ हो जाएंगे और चंद घंटों में पानी की निकासी हो जाएगी. और इस प्रकार कह सकेंगे कि हमने सफाईयां की थी लेकिन पानी ज्यादा आता है इसलिए चंद घंटे में ही पानी निकलेगा,

स्मरण रहे की इस बार विधायक सुधीर सिंगला ने बड़े विश्वास से दावा किया था कि इस बार जलभराव शहर में नहीं होगा लेकिन चंद घंटे की बारिश है विधायक के दावों की पोल खोल कर रख दी है विधायक क्या करें विधायक तो अनुभवहीन है जोश में कुछ भी कह देते हैं, लेकिन असली काम तो निगम सरकारी महकमों का है वह क्या कर रहे हैं. जैसा कि पहले भी चर्चा की थी की गुड़गांव में निगम ने समय पर नाली सीवर आदि के टेंडर समय पर नहीं रिलीज किए थे और अगर मैं गलत नहीं हूं तो अभी तक भी वह काम पूरे नहीं हुए हैं ऐसी स्थिति में जिम्मेवारी से भागने वाली बात कैसे प्रशासनिक अधिकारी करेंगे यह देखना होगा

एक और बरसात आने से नागरिकों को उमस से राहत मिली तो वहीं दूसरी ओर जीवन कष्ट में हो गया हर जगह जलभराव नजर आया कई कई स्थानों पर तो पुलिस हो यातायात को दूसरी दिशा से निकालना पड़ा इसको चौक पर तो स्थिति यह है इफको चौक पर तो स्थिति यह है की जेसीबी बुलानी पड़ी कमोबेश यही कह सकते हैं कि प्रशासन के इंतजाम पूरे नहीं है.

पुराने गुरुग्राम की बात करें तो बस स्टैंड की हालत तो ऐसी थी कि जैसे किसी नदी में बस स्टैंड को बनाया गया हो. पूरे बस स्टैंड में चारो तरफ पानी ही पानी था. सवारी बस स्टैंड के अंदर आने से डरती नजर आई. हर साल गुरुग्राम प्रशाशन पानी की निकासी के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करता है, लेकिन कुछ घण्टों की ही बारिश में प्रशासन के इन दावों की पोल खोल देती है.

एक समय गुरुग्राम ने महाज़ाम भी देखा था और उस वक़्त सीएम मनोहर लाल ने ये दावा किया था कि आने वाले समय मे गुरुग्राम को ये दिन कभी नहीं देखने को मिलेगा. लेकिन हर बारिश के बाद जल भराव और जाम लगने की तस्वीर अब आम बात हो गई है. प्रदेश  में सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने वाले शहर में पानी निकासी की ऐसी व्यवस्था प्रशाशन के काम काज पर बड़े सवाल खड़े करती है.

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