भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक
गुरुग्राम में वैसे तो आजकल बरसात आती ही कम है लेकिन जब आती है तो गुरुग्राम की जनता त्राहि-त्राहि कर जाती है। इस समय एक तो कोरोना का कहर में बढ़ता हुआ है गुरुग्राम वासियों पर और बरसात में बरसात जनित बीमारियों की संभावना है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए चेतावनी भी जारी कर रहा है कि पानी इकट्ठा न होने दें, क्योंकि पानी इकट्ठा होने से मच्छर फैलते हैं। ऐसे में करोड़ों रूपए के स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज बनाने के कार्य का उद्घाटन हैरान करने वाला है।

जहां तक हमारी जानकारी है, बरसात के मौसम में सभी जगह जमीन खुदाई के कार्य प्रतिबंधित होते हैं। इसके पीछे शायद कारण यह है कि खुदाई से जो गड्ढ़े बनेंगे, उनमें बरसात का पानी अवश्य भरेगा। साथ में खुदाई के कार्य से फिसलन भी होगी। गड्ढ़ों के ऊपर पानी भरने से दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी हैं। ऐसे स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज आरंभ कराना में यह सोच निकलकर आती है कि यह काम दो माह पूर्व होता या दो माह पश्चात होता तो न तो नियम टूटते और न ही जनता को परेशानियां व बीमारियों फैलने की संभावना होती।

प्रश्न कई हैं। पहला तो यह कि निगम अधिकारियों ने किस प्रकार बरसात के समय में कार्य करने की अनुमति दे दी। दूसरा, विधायक क्षेत्र की नागरिकों की छतरी होता है, जो नागरिकों के दुख-सुख का ख्याल रख उन्हें परेशानियों से बचाता है। यहां भी विधायक ने लोगों को परेशानियों से बचाने के लिए बहुत पुरानी मांग कार्य आरंभ करा दिया।

ऐसी चर्चा है शायद वह यह सोच रहे हों कि इतने समय बाद बड़ी मेहनत से यह वर्क ऑर्डर पास हुआ है। अत: यह काम अभी करा लें, पता नहीं निगम वाले करें या नहीं और इसी सोच में वह शायद यह भूल गए कि बरसात के समय में यह काम सुविधा के लिए नहीं परेशानी का कारण बन जाते हैं।

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