रमेश गोयत चंडीगढ़, 10 अगस्त। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति पर काम करते हुए हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा सरकारी कर्मचारियों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता की प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे अपने विशेष अभियान के तहत जून, 2020 के दौरान सरकार के आदेश पर तीन जांच दर्ज की गई और 19 जांचें पूरी कर सरकार को रिपोर्ट भेजी गई। इसी अवधि के दौरान तीन कर्मचारियों को 8,000 रुपये से 13,000 रुपये तक की रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथों गिरफ्तार कर उनके विरुद्घ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों के विरुद्घ मामले दर्ज किए हैं उनमें होडल के वन दरोगा ईद्रीश को 13,000 रुपये, हरियाणा रा’य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,पंचकूला के सहायक हरभगवान चोपड़ा को 11,000 रुपये तथा उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम, सोनीपत के सीनियर शिफ्ट अटेडेंट सुरेन्द्र को 8,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना शामिल है। प्रवक्ता ने बताया कि नौ जांचों में छ: राजपत्रित अधिकारियों व 22 अराजपत्रित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच करने की सिफारिश की है तथा तीन प्राइवेट व्यक्तियों से 5,61,603 रुपये की वसूली की है। एक जांच में छ: प्राइवेट व्यक्तियों से 8,83,443 रुपये की वसूली करने तथा एक जांच में एक राजपत्रित अधिकारी के विरुद्घ आपराधिक मुकद्दमा दर्ज करने के साथ-साथ 1,52,565 रुपये की वसूली करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, एक अन्य जांच में एक राजपत्रित अधिकारी के विरुद्घ आपराधिक मुकद्दमा दर्ज करने की सिफारिश की है जबकि छ: जांचों में आरोप सिद्घ नहीं हो पाए। Post navigation हरियाणा सरकार की बेरूखी— हरियाणा के स्वतंत्रता सेनानियों को दो माह से नही मिली पेंशन बर्खास्त 1983 पीटीआई देगें 14 अगस्त को परिजनों सहित सामूहिक गिरफ्तारी