सोहना! बाबू सिंगला 

सोहना नगरपरिषद के अंतर्गत आने वाले गाँव खाईका के 13 भूमिहीन परिवारों को 23 वर्ष के बाद रिहायशी प्लाटों पर कब्जा मिल गया है| उक्त प्लाटों पर गाँव के दबंग लोगों ने वर्षों से अवैध कब्जा किया हुआ था| कब्जे को लेकर भूमिहीन परिवार कई वर्षों से अदालती जंग लड़ रहे थे जिसमे जीत हासिल होने के बाद प्रशासन ने कब्जा दिला दिया है| बता दें कि ऐसे प्लाटों कि रजिस्ट्रियाँ सरकार द्वारा पहले ही कि जा चुकी थीं|

केन्द्र सरकार के आदेश पर पंचायत विभाग ने 1997 में गांव खाईका के 13 भूमिहीन कमजोर वर्ग के तहत 100-100 वर्गगज के प्लाट आवंटित किए थे| सरकार ने जिन परिवारों को यह प्लाट आवंटित किए थे| उन्हे प्लाटों की रजिस्ट्रियां देते हुए पटवारी के खाते में मालकाना हक भी दर्ज कर दिया गया था| लेकिन उक्त प्लाटों पर गाँव के ही दबंगों ने अवैध कब्जा किया हुआ था| जो न तो जमीन की कभी पैमाई होने देते थे न ही असल मालिकों को उन पर कब्जा दे रहे थे| भूमिहीन ग्रामीण अपने प्लाटों से अवैध कब्जा हटवाने के लिए करीब 15 वर्षों से अदालती लड़ाई लड़ रहे थे| जिस पर उनको विजय हासिल हो गई है|

एसडीएम के आदेश पर मिला कब्जा

सोहना ड्यूटी मैजिस्टेट एवं बीडीपीओ प्रमेन्द्र सिंह के नेतृत्व मे गांव खाईका के भूमिहीन परिवारों को 13 वर्षों के बाद प्लाटों पर कब्जा दिलाया गया| इसके लिए भारी मात्रा में पुलिस बल मौके पर मौजूद था। अवैध कब्जेदार भी मौके से नादारद थे| जेसीबी से प्लाटों पर हो रहा कूड़ी, लकड़ी या पुराना मलबा डालकर अवैध कब्जा का सफाया कराया गया| ड्यूटी मैजिस्टेट प्रमेन्द्र सिंह ने बताया कि अवैध कब्जा को शांतिपूर्ण वातावरण में हटाया गया| प्लाटों के असल मालिकों को उनका हक मौके पर ही दिलाते हुए कब्जा कराया गया|

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