मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री शह-मात का खेल छोडक़र सरकार शराब घोटाले की जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग से जज करवाने का अनुरोध करें : विद्रोही एसईटी को जांच सोपने के पीछे मुख्यमंत्री की मंशा क्या थी? विद्रोही 7 अगस्त 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि शराब घोटाले की कथित जांच के बहाने हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार के अंतर्विरोध एक बार फिर सामने आए1 शराब घोटाले के लिए गठित कथित जांच कमेटी एसईटी जांच रिपोर्ट आने के बाद गृह मंत्री अनिल विज ने अब शराब घोटाले की जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से करवाने की मुख्यमंत्री को शिफारिश भेजी है1 विद्रोही ने सवाल किया कि स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से शराब घोटाले की जांच तो पहले भी करवाई जा सकती थी1 फिर जांच के लिए कथित एसईटी क्यों गठित की गई1 एसईटी को जांच सोपने के पीछे मुख्यमंत्री की मंशा क्या थी? पहले ही दिन से शराब घोटाले की जांच दंतहीन, अधिकार विहीन एसईटी से करवाने की बजाय अधिकार संपन्न एसआईटी से क्यों नहीं करवाई गई? शराब घोटाले की जांच कराने के खेल के पीछे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मंशा ही घोटाले को रफा-दफा करके घोटाले के असली कर्ताधर्ता सरगनाओं को बचाने की था, जो एसईटी जांच रिपोर्ट से साबित हो गया1 विद्रोही ने आरोप लगाया एक तरफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शराब घोटाले को दबाने, इसके सरगनाओं को बचाने की हर संभव तिकड़मे सत्ता दुरुपयोग से कर रहे हैं1 दूसरी तरफ गृह मंत्री अनिल विज घोटाले के सरगनाओ को बेनकाब करके इनके संरक्षक मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को बेनकाब करने की तिकड़मे भिड़ा रहे है1 एसईटी जांच रिपोर्ट आने बाद अब गृहमंत्री के शराब घोटाले की फिर से स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से जांच करवाने की मुख्यमंत्री से की गई सिफारिश भी उसी दिशा में उठाया एक कदम है1 सवाल उठता है कि जब हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार में ही शराब घोटाला के सरगनाओं को बचाने-फसाने का खेल खेला जा रहा हो तो सच सामने आएगा कैसे? शराब घोटाले के असली कर्ताधर्ता बेनकाब कैसे होंगे? विद्रोही ने कहा शराब घोटाले की जड़ें बहुत गहरी हैं, इस घोटाले में हरियाणा सरकार के उच्च नेता, प्रशासनिक-पुलिस व आबकारी अधिकारियों की शराब माफिया से गहरी सांठगांठ है1 यह इसी से पता चलता है कि जब कोविड लोकडाउन मे पंजाब-हरियाणा सीमाए सील थी1 जब कोई भी बिना जांच पुलिस, प्रशासन की अनुमति के इधर से उधर आ-जा नहीं सकता था तब पंजाब से तस्करी करके हरियाणा में शराब आई कैसे? क्या यह सरकार के उच्च स्तर के नेताओं, पुलिस-प्रशासनिक अफसरों की मिलीभगत बिना संभव था? जब तक शराब घोटाले की जांच हरियाणा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के सिटिंग जज से नहीं करवाई जाती तब तक शराब घोटाले का सच व इसके असली कर्ताधर्ता कभी भी बेनकाब नहीं हो सकते1 विद्रोही ने मांग की कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री शह-मात का खेल छोडक़र सरकार शराब घोटाले की जांच पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग से जज करवाने का अनुरोध करें ताकि सच सामने आ सके1 शराब माफिया व उनसे जुड़े सत्तारूढ़ नेताओं, अफसरों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जा सके1 Post navigation ‘अनियमितता’ कहने से घोटोले की रकम नहीं घटेगी! हरियाणा पुलिस ने कैथल में ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री को सुलझाते हुए 3 आरोपियों को किया गिरफतार