-दोनों संस्‍थानों ने विश्‍व में हिन्‍दी की अलख जगाने के लिए शुरू की मुहिम. -सृजन ऑस्‍ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका भारत, ब्रिटेन, अमेरिका समेत कई देशों में हिन्‍दी सेवा के लिए कर रही है काम

गुरुग्राम। हिन्‍दी सेवा के क्षेत्र में कार्यरत सृजन ऑस्‍ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका अब विश्‍व हिन्‍दी सचिवालय, मॉरिशस के साथ मिलकर वैश्विक स्‍तर हिन्‍दी का विस्‍तार करेगी। सृजन ऑस्‍ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के वैश्विक हिन्‍दी अभियान के प्र‍ति निष्‍ठा और कार्य को देखते हुए विश्‍व हिन्‍दी सचिवालय के महासचिव प्रो. विनोद कुमार मिश्र ने इसकी लिखित स्‍वीकृति दी है। अब दोनों संस्‍थान मिलकर हिन्‍दी का प्रचार, प्रसार के साथ हिन्‍दी प्रेमियों को गुणात्‍मक लेख, आलेख, शोध पत्र के साथ विभिन्‍न विधाओं से रूबरू करवाएगी। बता दें कि जून 1996 में भारतीय उच्चायोग के माध्यम से भारत सरकार के सहयोग के साथ मॉरीशस में शिक्षा व वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय में विश्व हिंदी सचिवालय की एक इकाई का गठन किया गया।          

  वैश्विक स्‍तर पर हिन्‍दी के लिए एक मंच उपलब्‍ध करवाने के लिए सृजन ऑस्‍ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका की एक वेबसाइट तैयार की जा रही है, जिस पर हिन्‍दी के रचनाकार, पत्रकार एवं अन्‍य बुद्धिजीवी अपनी रचना को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर छपवा सकेंगे। सृजन ऑस्‍ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के प्रबंध संपादक डॉ. सारस्‍वत मोहन ‘मानीषी’ ने बताया कि सृजन ऑस्‍ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका की नींव विश्‍व में हिन्‍दी के प्रचार-प्रसार के लिए रखी गई थी। इसकी शुरुआत ऑस्‍ट्रेलिया के विक्‍टोरिया से हुई है और आज भारत, इंग्‍लैंड, अमेरिका, सिंगापुर, मॉरीशस, नेपाल, ओमान समेत कई देशों में कार्य कर रही है। अब तक दुनिया भर के करीब 4000 लेखक, रचनाकार, कवि, पत्रकार एवं अन्‍य बुद्धिजीवी इस अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका से जुड़ चुके हैँ।           

मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी व कार्यकारी संपादक पूनम चतुर्वेदी शुक्‍ला ने बताया कि इस संस्‍था के नींव रखने में सुप्रसिद्ध कवि, अनुवादक, पत्रकार एवं चिंतक डॉ. शैलेश शुक्ला का महत्‍वपूर्ण योगदान है। डॉ. शैलेश शुक्ला ‘न्यू मीडिया में हिन्दी साहित्य’ पर पीएचडी करने वाले विश्व के पहले विद्वान हैं। उनके मार्गदर्शन में इसकी नींव रखी गई थी और आज निरंतर उन्‍नति की ओर अग्रसर है। विश्‍व हिन्‍दी सचिवालय से मिली अनुमति डॉ. शैलेश शुक्‍ला के मार्गदर्शन का परिणाम है।

उन्‍होंने बताया कि हिन्‍दी के रचनाकारों को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर ई-प्रकाशन के लिए ऑटोमेशन आधारित वेबसाइट तैयार किया जा रहा है। वेबसाइट पर किसी भी तरह की रचना को जमा करने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय मानकों  का पालन किया जाता है ताकि वैश्विक मानक के अनुकुल  रचनाएं वैश्विक पाठकों को मिल सकें। हिन्‍दी के विस्‍तार के लिए वेबीनार के माध्‍यम से मुहिम शुरू की गई है। सृजन ऑस्ट्रेलिया द्वारा 19 जुलाई को आयोजित किए गए वेबिनार हेतु 2100 से अधिक और 26 जुलाई को किए आयोजित किए गए वेबिनार हेतु 4700 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए।

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