4 अगस्त 2020, स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रक्षाबंधन पर प्रदेश में नए ग्यारह सरकारी महिला कालेज खोलने की घोषणा का स्वागत करते हुए पूछा उनके द्वारा पिछले 5 वर्षों में घोषित विभिन्न कालेजों को भवन व शिक्षक कब मिलेंगे? विद्रोही ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नए-नए सरकारी स्कूल कॉलेज खोलना अच्छी बात है1 पर पूर्व में खोले गए विभिन्न कालेजों के भवन निर्माण, शिक्षा का आधारभूत ढांचा व पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति उससे भी उससे ज्यादा जरूरी है1 विगत 5 वर्षों से भाजपा खट्टर सरकार नए कालेज बनाने की घोषणा करके वाहवाही तो लुटती है1 पर घोषित कालेजों के भवन निर्माण व शिक्षा आधारभूत ढांचा निर्माण के प्रति कतई भी गंभीर व ईमानदार न होकर कछुआ गति से काम करने में विश्वास कर रही है1 विद्रोही ने कहा रक्षाबंधन के दिन महिलाओं के लिए गयारह नए कॉलेज खोलने की घोषणा तो अच्छी बात है1 पर क्या खट्टर सरकार द्वारा पूर्व में खोले गए सभी महिला कालेजों में भवन निर्माण पूरा हो गया? क्या इन महिला कालेजों मे पर्याप्त अध्यापक हैं? क्या इन कालेजों में प्राध्यापकों के साथ सभी विषयों की पढ़ाई का समुचित प्रबंध है? जब तक सरकार इन सवालों पर आत्ममंथन करके पुराने कॉलेजों में आधारभूत ढांचा निर्माण व आवश्यक शिक्षकों का समुचित प्रबंध नहीं करती तब तक नए कालेजों की घोषणा से वाहवाही तो मिल सकती है पर शिक्षा की गुणवत्ता नहीं बढ़ पाएगी1 विद्रोही ने कहा उनके खुद के जिले रेवाड़ी में राजकीय ब्वाईज कॉलेज रेवाड़ी, राजकीय महिला कालेज बावल व जाटूसाना भवन निर्माण के लिए तरस रहे हैं1 भक्त फूल सिंह महिला कॉलेज खानपुर के कृष्णानगर रीजनल सेंटर के भवन निर्माण का कार्य विगत 6 वर्षों से क्या तो हो ही नहीं रहा या नाम मात्र का हो रहा है1 गोठड़ा-पाली सैनिक स्कूल भवन निर्माण पिछले दस वर्षों से बजट के अभाव में अधूरा पड़ा है1 यही स्थिति प्रदेश के विभिन्न सरकारी कालेज व संस्थानों की है1 विद्रोही ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न सरकारी कॉलेजों में स्वीकृत प्राध्यापकों के 60 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली पड़े हैं1अधिकांश कालेजों में लैब सहित अन्य गैर शिक्षक कर्मचारी नहीं है1 अधिकांश कॉलेजों में विज्ञान एवं कामर्स संकाय नहीं है1 कालेजों में शिक्षा व अन्य नागरिक सुविधाओं का आधारभूत ढांचा नहीं है1 शिक्षा व नागरिक सुविधाओं के आधारभूत ढांचे के बिना हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई की गुणवत्ता कैसी है इस पर कुछ भी टिप्पणी करना बेमानी है1 Post navigation सीएम कहें रजिस्ट्री घोटाला नहीं, सिस्टम की कमी, फिर अधिकारियों पर गाज क्यों? रोड़वेज कर्मचारियों ने प्रदेश के डिपूओं में विरोध प्रदर्शन किया।