महानिदेशक का तानाशाही रवैया व कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी बर्दाशत नही होगी- तालमेल कमेटी

चंडीगढ़ 4 अगस्त. हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी द्वारा कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने, पैट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ौतरी, परिवहन सेवाओं के निजीकरण एवं मोटर व्हीकल एक्ट व श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में व सभी सहमत मांगों को लागू करवाने के लिए आज प्रदेश के सभी डिपूओं में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता इन्द्र सिंह बधाना, वीरेंद्र सिंह धनखड़, दलबीर किरमारा, सरबत सिंह पूनिया, दिनेश हुड्डा, पहल सिंह तंवर व आजाद सिंह गिल ने सयुंक्त ब्यान में बताया केन्द्र व राज्य सरकार कोराना महामारी को अवसर मानकर सार्वजनिक परिवहन सेवा व अन्य सरकारी विभागों का निजीकरण करने में युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा सरकारी विभागों के निजीकरण से जनसेवा समाप्त होने के साथ बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिलने के अवसर समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा पैट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ौतरी होने से परिवहन विभाग का घाटा लगातार बढने के साथ महंगाई से जनता का जीना दूभर हो गया है। कर्मचारी नेताओं ने कहा मोटर व्हीकल एक्ट व श्रम कानूनों में बदलाव करके सरकार ने कम वेतन भोगी कर्मचारी व आम जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा सरकार व उच्च अधिकारियों की हठधर्मिता व वादाखिलाफी के विरोध में रोड़वेज कर्मचारियों का आन्दोलन जारी रहेगा।

प्रदर्शन में कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए लम्बित मांगों बारे कहा 1992 से 2002 के मध्य लगे सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, सभी कर्मचारियों को 5 हजार रुपये जोखिम भत्ता देने, खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, परिचालकों का पे स्केल बढाने, पुरानी पैंशन स्कीम लागू करने, वर्ष 2018 में हुई 18 दिन की हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर एस्मा के तहत दर्ज मुकदमे व हड़ताल का समर्थन व सहयोग करने पर अन्य विभागों के कर्मचारियों व आम नागरिकों पर दर्ज मुकदमे रद्द करने, चार साल के बकाया बोनस का भुगतान करने,कर्मशाला कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देने, कर्मशाला कर्मचारियों के राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, 2016 में भर्ती चालकों को पक्का करने, परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, कोरोना महामारी के चलते रोड़वेज कर्मचारियों को 50 लाख रूपये बीमा पॉलिसी में शामिल करने, पी पी ई किट सहित सभी उपकरण उपलब्ध करवाने, ( कोरोना महामारी के दौरान बसें खड़ी रहने,सोशल डिसटैंस के कारण बसों मे कम यात्रियों के सफर करने,डीजल की कीमतों में भारी बढ़ौतरी होने व 43 श्रेणियों को फ्री व रियायती दरों पर यात्रा करने के कारण विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए ) सरकार 850 करोड़ रुपये का पैकेज देने, कर्मचारियों के बंद किये DA व LTC आदि भत्ते शुरू करने, नई भर्ती पर लगाई गई रोक हटाने, वर्दी व जूतों के रेट बढाने, निजीकरण व ठेका प्रथा पर रोक लगाने, विभाग में प्रति वर्ष 2000 सरकारी बसें शामिल करने आदि सहमत हुई मांगों को लागू करने के लिए सरकार व प्रशासन बिल्कुल गम्भीर नहीं है। उन्होंने कहा HREC गुरूग्राम में बसों की बाडी बनने के लिए बसें नहीं होने से कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा परिवहन मंत्री के वायदे के अनुसार तुरन्त 867 बसों की खरीद की जाए। ताकि HREC कर्मचारियों को काम मिलने के साथ बसों का बेड़ा बढ सकें।

रोडवेज कर्मचारियो की मांगों के प्रति सरकार की वायदाखिलाफी के विरोध मे 7, 11, 18, व 25 अगस्त को सभी डिपूओं में धरने दिये जाएंगें। फिर भी सरकार की आंखें नही खुली तो 5 सितम्बर को तालमेल कमेटी का मॉस डेपुटेशन मत्री से मिल कर रोष जाहिर करेंगे।

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