-नियमों को ताक पर रखकर प्रदेश के इतिहास में पहली बार रोकी गई रजिस्ट्री. -रजिस्ट्री रोकने से रोजाना सरकार को सैकड़ों करोड़ के रेवेन्यू का हो रहा नुकसान. -सरकार की ओर से तहसीलदारों को सस्पेंड किया गया जिन्हें नहीं सस्पेंड किया गया क्या उनके कार्य संतोषजनक -,कहीं जातिगत आधार पर तो तहसीलदारों कार्रवाई तो नहीं -,विभागीय अधिकारियों में कोई गड़बड़ी है तो उसकी  जांच कराए सरकार से ना कि रजिस्ट्री पर लगाए रोक

गुड़गांव 1 अगस्त. हरियाणा सरकार ने प्रदेश में रजिस्ट्री पर रोक लगाकर नियमों का उल्लंघन किया है जिससे सरकार को रोजाना सैकड़ों करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। यह कहना है नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ट कुमार गोयल का।

श्री गोयल ने कहा कि अगर रेवेन्यू डिपार्टमेंट में किसी तरह की गड़बड़ियां है तो सरकार उसकी जांच करा सकती है ना कि रजिस्ट्री पर ही रोक लगा दे। यह तो 1976 के फंडामेंटल राइट का उल्लंघन है। श्री गोयल ने कहा कि सरकार तत्काल प्रभाव से रजिस्ट्री की कार्रवाई शुरू करें और नियमानुसार रजिस्ट्री के लिए टोकन देना शुरू करें। उन्होंने कहा कि सरकार रेवेन्यू डिपार्टमेंट में नियम और कड़े करें जिससे जमीन की रजिस्ट्री में होने वाले, भ्रष्टाचार को रोका जा सके अगर गलत रजिस्ट्री हो रही है तो उसकी गंभीरता से जांच कराई जानी चाहिए।

वशिष्ट कुमार गोयल ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी प्रदेश में रजिस्ट्री ही बंद कर दी गई हो। अब तक कार्रवाई तो बहुत हुई है नियमों का अगर कोई उल्लंघन करता है। तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए हम भी उसका पूरा समर्थन करते हैं। लेकिन जिससे प्रदेश की आमदनी होती है। देश को आगे बढ़ाने में रेवन्यू प्राप्त होता है। अगर हम उसी को बंद कर दें तो हालात खराब हो सकते हैं। बीते दिनों में रजिस्ट्री बंद होने से कितना नुकसान हुआ है उसकी भरपाई सरकार किस तरह से करेगी रजिस्ट्री रोकने से पहले सरकार ने यह भी साफ नहीं किया है कि वह ऐसा क्या करने जा रही है जिससे आगामी होने वाली रजिस्ट्री में भ्रष्टाचार रोकने में सफलता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लोगों के साथ अन्याय है। सरकार की इस तरह की कार्रवाई सरकार की छवि को खराब कर सकती है। ऐसा नहीं होना चाहिए उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि प्रदेश में जल्द से जल्द रजिस्ट्री शुरू हो जिससे लोगों को रेवेन्यू डिपार्टमेंट में पेंडिंग कार्य पूरे हो सकें और सरकार को राजस्व प्राप्त हो सके।

वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि सरकार की ओर से जिन छह तहसीलदारों को सस्पेंड किया गया है। उन्हें जब ड्यूटी पर लगाया गया उस दौरान हो रही रजिस्ट्री की जांच क्यों नहीं की गई। इसके अलावा जिन तहसीलदारों को सस्पेंड नहीं किया गया क्या उनके कार्य संतोषजनक हैं। वशिष्ठ कुमार गोयल ने कहा कि जिस जिले में कुछ तहसीलदारों पर कार्यवाही हुई और कुछ पर नहीं हुई क्या जो तहसीलदार बचे हैं ड्यूटी पर उनके कार्य सस्पेंड किए गए तहसीलदारों के कार्य से अलग हैं। इसकी भी जांच गंभीरता के साथ होनी चाहिए।

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