गुरूग्राम में कोरोना से मरने वालों की संख्या कम होती जा रही : डा. विरेन्द्र यादव
गुरूग्राम, 27 जुलाई। जिलावासियों और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप जिला गुरूग्राम में कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर का आंकड़ा अब 1.45 से घटकर 1.30 प्रतिशत हो गया है। इससे पता चलता है कि गुरूग्राम में कोरोना से मरने वालों की संख्या कम होती जा रही है, जोकि जिलावासियों के लिए सुखद समाचार है।
इस बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने बताया कि जिला गुरूग्राम में कोरोना की वजह से यह अब तक की सबसे कम मृत्यु दर है और हमे आशा है कि यदि जिलावासियों का सहयोग यूं ही मिलता रहा तो यह दर और भी नीचे आ जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना संक्रमण के केस तथा इस बीमारी से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा जरूर नीचे आया है लेकिन बीमारी पूरी तरह से खत्म नही हुई है, इसलिए जरूरी है कि सभी जिलावासी उतनी ही सतर्कता और सावधानी बरतें जितनी कि वे शुरू से बरतते आ रहे हैं। सतर्कता में कमी आने से संक्रमण बढ़ सकता है तथा मृत्यु दर भी बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नही है और अब भी उतना ही घातक है जितना शुरू में था।
जिला में कोरोना संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए जरूरी है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की समय रहते पहचान की जाए ताकि वे स्वस्थ लोगों के संपर्क में ना आए और संक्रमण कम से कम फैले। ऐसे मरीजों की पहचान करने के लिए जिला में टेस्टिंग क्षमता को भी बढ़ाया गया है। जिला में बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रों अर्थात् एलओआर में टेस्टिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें कार्यरत है जो कोरोना लक्षण वाले मरीजों की निःशुल्क टेस्टिंग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों की पहचान समय रहते होने पर उनका समय रहते इलाज हो जाता है जिससे उनकी जान का जोखिम भी कम रहता है। जिला में अब तक एंटीजन टेस्टिंग किट के माध्यम से 39 हजार 473 कोरोना संदिग्ध लोगों की टेस्टिंग की जा चुकी है जिनमें से 1104 लोग कोरोना पाॅजीटिव मिले हैं। इसके अलावा, जिला में अब कोरोना संक्रमित मरीजों का डबलिंग रेट 52.88 दिन तथा ग्रोथ रेट 1.40 प्रतिशत हो गया है जोकि जिलावासियों की सतर्कता के चलते संभव हो पाया है।
उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है। लोग एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें और फेस मास्क का प्रयोग करे। जहां तक संभव हो लोग घर में रहें और जब तक बहुत जरूरी ना हो घरों से ना निकले। लोग अपने हाथों को साबुन से धोते रहे और यदि ऐसा संभव ना हो तो सेनिटाइजर का इस्तेमाल अवश्य करें।