कंस्ट्रक्शन की रफ्तार कम होने पर जारी किया गया है यह नोटिस. हर महीने के दूसरे और चौथे गुरुवार को देनी होगी समीक्षा रिपोर्ट

गुरुग्राम। गुरुग्राम में हजारों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने बिल्डर्स के यहां अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी लगाकर फ्लैट बुक करवाई, लेकिन तय समय पर उन्हें फ्लैट नहीं मिला। अब प्रशासन ने ऐसे बिल्डरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हरियाणा सरकार की अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत कॉलोनियां विकसित कर रहे आठ डेवलपर्स को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस निर्माण कार्यों की रफ्तार कम होने के चलते दिया है।

सीनियर टाउन प्लानर ने आदेश जारी किया है कि निर्माण कार्यों की रफ्तार बढ़ाएं, जिससे यह कॉलोनियां निर्धारित समयावधि में पूरी हो सकें। साथ ही हर महीने के दूसरे और चौथे गुरुवार को निर्माण कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट सौंपी जाए। यदि नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो उनके खिलाफ लाइसेंस की शर्तों के मुताबिक कार्यवाही करने की सिफारिश मुख्यालय को भेजी जाएगी।

किन डिवेलपर को जारी किया नोटिस :

शुक्रवार को टीसीपी डिपार्टमेंट के सीनियर टाउन प्लानर ने पिरामिड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, नामदेव कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, माहिरा बिल्डटैक प्राइवेट लिमिटेड, अगरांते रियलिटी लिमिटेड, रेविटल रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड, रेनूका ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड और तुलसेनी कंस्ट्रक्शन एंड डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया है। ये डिवेलपर सेक्टर 37सी, 37डी, 63ए, 70ए, 76, 78, 79, 79बी, 85, 86, 89, 93, 95, 103, 107, 108, गवाल पहाड़ी के सेक्टर 2, सोहना के सेक्टर 6, सोहना के सेक्टर 35 में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत कॉलोनियां विकसित कर रहे हैं। इन कॉलोनियों में करीब 15000 खरीदारों ने फ्लैट्स बुक करवाए हैं।

क्या है समय-सीमा :

अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत डिवेलपर को साढ़े 3 साल में निर्माण कार्य को पूरा करना है। उसे 6 महीने की एक्सटेंशन दी जा सकती है।

क्या है मामला :

टीसीपी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर केएम पांडूरंग के पास शिकायत पहुंच रही थी कि अर्फोडेबल हाउसिंग स्कीम के तहत लाइसेंस ले चुके डेवलपर्स निर्माण कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं। बहुत धीमी गति से काम चल रहा है। ऐसे में इस स्कीम के तहत निर्धारित समयावधि 4 साल में काम पूरा होना मुश्किल है। जांच शुरू हुई तो सामने आया कि कुछ डेवलपर्स ने साल 2014 में लाइसेंस लिया है, लेकिन अभी तक कॉलोनी का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है।

क्या कहते हैं अधिकारी :

आठ डेवलपर्स ने 20 से अधिक अर्फोडेबल कॉलोनियां विकसित करने को लेकर लाइसेंस लिया है। इनके निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई तो रफ्तार कम पाई गई। इन्हें नोटिस देकर निर्माण कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के आदेश दिए हैं। इन्हें प्रत्येक महीने के दूसरे और चौथे गुरुवार को निर्माण कार्यों की समीक्षा रिपोर्ट देनी होगी। यदि फिर भी यह लापरवाही बरतते हैं तो इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की सिफारिश मुख्यालय में भेजी जाएगी। उम्मीद है कि इस सख्ती के बाद बिल्डर अपना काम तेजी से करेंगे और सालों से जो अपने घर का सपना संजोए हैं, उनका सपना पूरा होगा।

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