हांसी ,25 जुलाई । मनमोहन शर्मा 

 इनेलों नेता व विधायक अभय सिंह चौटाला ने  आरोप लगाए कि सरकार के 8 महीने के कार्यकाल में हुए शराब घोटाला, धान घोटाला, सरसों घोटाला और अब रजिस्ट्री घोटाला एक ही विभाग के मंत्री की देखरेख में अंजाम दिए जा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल इन घोटालों पर अंकुश इसलिए नहीं लगा पा रहे हैं क्योंकि उन्हें सरकार चलानी है। यदि मुख्यमंत्री इन घोटालों पर अंकुश लगाने की कोशिश करते हैं तो यह लोग सरकार से अपना समर्थन वापिस ले लेगे।

अभय सिंह चौटाला कहना है कि यदि सरकार रजिस्ट्री घोटाले को अनियमितता मानती है। तो उन्हें इसकी जांच हाईकोर्ट के सेटिंग जज करवाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अभय सिंह चौटाला ने दावा किया कि लोक डाउन के दौरान हरियाणा में 1199 जमीन की रजिस्ट्री हुई है। जिनमें 2 से ₹10 लाख रुपये तक का लेनदेन हुआ है। यहां तक की फरीदाबाद के एक गांव में भी दो रजिस्ट्री हुई है। जहां पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किसी भी तरह की रजिस्ट्री पर रोक लगाई हुई है।

अभय सिंह चौटाला ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के रजिस्टर रोक लगाने के उस बयान को बेतुका बताया जिसमें उन्होंने रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरलीकरण और डिजिटल करने की बात कही थी। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जब सबकुछ ऑनलाइन है तो सरकार ने रजिस्ट्री क्यों ओपन की।

बरोदा उपचुनाव पर बोलते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अभी चुनाव की तारीख भी घोषित नहीं हुई है। लेकिन कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे को चुनौतियां देने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन लोगों ने काम करवाया है। तो चुनौतियां देने की जरूरत नहीं है। लेकिन एक बात पक्की है कि जब यह लोग उपचुनाव के दौरान लोगों के भी जाएंगे तो उनके सवालों का जवाब देना पड़ेगा। इस दौरान पीटीआई बर्खास्तगी मामला, जेबीटी पात्रता अध्यापक परीक्षा रद्द करना, धान घोटाला, सरसों घोटाला, शराब घोटाला जैसे मुद्दे उठेंगे।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस कई गुटों में बंटी हुई है  भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुछ और कहते हैं वही प्रदेश अध्यक्ष अलग बयान देती हैं। कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा को अपना नेता मानने से इनकार कर दिया है।

किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से जारी अध्यादेशो को अभय सिंह चौटाला ने किसानों का डेथ वारंट बताया है। उन्होंने कहा कि यदि यह तीनों अध्यादेश लागू हो गए तो किसान अपनी ही जमीन पर श्रमिक बन जाएगा  किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बड़े-बड़े लोगों पर निर्भर होना पड़ेगा और वह अपनी मर्जी से किसानों की फसलों के दाम तय करेंगे। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही वे राज्यपाल से मिलकर एक ज्ञापन भी सौंपेंगे।

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