सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार पर जन सेवाओं का निजीकरण करने और 1983 पीटीआई सहित बड़े पैमाने पर ठेका कर्मचारियों की छंटनी करने, कर्मचारियों का जुलाई 2021तक गैर कानूनी तरीके से महंगाई भत्ता रोकने, अलग-अलग विभागों के विभागाध्यक्षों द्वारा यूनियनों की मांगों की अनदेखी करने, कक्षा नौंवी से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम से महत्वपूर्ण विषयों को हटाने के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। आंदोलन का यह निर्णय सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में कर्मचारी भवन में आयोजित राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। सार्वजनिक विभागों के निजीकरण के खिलाफ राज्य कार्यकारिणी में लिए गए निर्णयानुसार 9 अगस्त को ” भारत छोड़ो आन्दोलन ” की 78 वीं वर्षगांठ पर सभी खंडों में सत्याग्रह किया जाएगा।

आंदोलन की अगली कड़ी में बिजली निजीकरण के संशोधन बिल और ऊर्जा क्षेत्र के किए जा रहे निजीकरण के खिलाफ 18 अगस्त को आयोजित राष्ट्रीय हड़ताल की एकजुटता में प्रदेशभर में प्रर्दशन किए जाएंगा। इससे पहले सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले जेबीटी शिक्षकों की भर्ती करवाने और बिजली निगमों में 146 जूनियर सिस्टम इंजीनियर पदों का परिणाम घोषित करवाने की मांग को लेकर 5 अगस्त को उपायुक्त कार्यालयों पर प्रर्दशन किए जाएगा। राज्य कार्यकारिणी में लंबे समय से चल रहे आंदोलन के बावजूद 1983 पीटीआई की सेवाएं बहाल न करने की घोर निन्दा की और सरकार से इधर उधर की बातें करने की बजाय सेवाएं बहाल करने का रास्ता निकालने की मांग की। बैठक में कोरोना योद्वा कहे जाने वाले 11 हजार स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को 11 हजार कर्मचारियों को 30 सितंबर को नौकरी से निकालने की निंदा की और सरकार से ठेका समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को सीधा विभाग के पे रोल पर लेने की मांग की।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा महासचिव सतीश सेठी व उप महासचिव सबिता मलिक ं ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र एवं राज्य सरकार कोरोना महामारी का फायदा उठाकर बिजली, परिवहन, स्वास्थ्य,जन स्वास्थ्य ,रेल, एचपीसीएल, ओएनजीसी, कोयला, प्रतिरक्षा आदि जन सेवाओं एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों सौंप रही है। राज्य सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए 1000 हजार दिन के लिए श्रम कानूनों को लागू न करने का फैसला किया है। यह मजदूरों को बंधवा बनाने वाला निर्णय है। उन्होंने बताया कि कोरोना की आड़ में सरकार 1983 पीटीआई के अलावा करीब 5 हजार कंप्यूटर टीचर एवं लैब सहायक, हरियाणा टूरिज्म से 424, केडीबी से 54 सफाई कर्मचारियों, एचएसवीपी से करीब 50 कंप्यूटर आपरेटर सहित करीब दस हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना योद्वा कहे जाने वाले 11 हजार स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया है और इसी प्रकार एचएसवीपी ने मुख्यालय से करीब 60 कंप्युटर आपरेटर को 31 जुलाई को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। उन्होंने हरियाणा टूरिज्म के कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं देने की निंदा की और बकाया वेतन का भुगतान करने की मांग की।

राज्य कार्यकारिणी की बैठक में केन्द्रीय कमेटी की उप महासचिव सबिता मलिक, प्रेस सचिव इंद्र सिंह, उप प्रधान सिलक राम मलिक, जग रोशन व सुरेश नौहरा, सचिव बिजेंद्र बेनीवाल,मांगे राम तिगरा, सुभाष कौशिक व महेंद्र बोयत,आडीटर संदीप सांगवान व राजबीर बेरवाल, केन्द्रीय कमेटी के सदस्य विजय मलिक, बिजेंद्र चहल, जोगेंद्र करौंथा और विभागीय संगठनों के वरिष्ठ नेता कृष्ण चंद्र शर्मा, कंवर लाल यादव,भरत सिंह खटाना, शर्मिला हुड्डा, मित्र पाल राणा, युद्वबीर सिंह खत्री, कृष्ण कुमार, कर्मबीर सिवाच,जय कुवार दहिया आदि मौजूद थे।

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