पर्दाफाश करने के लिए आवाज उठाने पर प्रो. गर्ग के खिलाफ दोनों ने रचा षडयंत्र अनूप कुमार सैनी रोहतक, 24 जुलाई। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के प्रोफेसर भगत सिंह राठी द्वारा नियमों को ताक पर रखकर एक महिला अभ्यर्थी का पीएचडी में फ्रॉड रजिस्ट्रेशन करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। खास बात यह है कि भगत सिंह ने पूनम नामक इस महिला का रजिस्ट्रेशन करने हेतु न केवल अवैध इंटरव्यू कमेटी का गठन किया बल्कि खुद के पास पीएचडी की कोई भी सीट खाली न होने के बावजूद उसका अपने अंडर रजिस्ट्रेशन कर लिया। इतना ही नहीं, भगत सिंह ने अपनी मंशा पूरी करने के लिए आरएसी तथा डीआरसी की भी अवैध मीटिंग कर डाली। शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष एवं ओलम्पिक कैटेगरी के रेफरी प्रो. राजेंद्र प्रसाद गर्ग ने अब विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद के चेयरमैन एवं कुलपति प्रो राजबीर सिंह को एक लिखित शिकायत करने पूनम का पीएचडी में रजिस्ट्रेशन तुरंत प्रभाव के रद्द करने तथा भगत सिंह के खिलाफ पूनम के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने तथा धोखाधडी करने का मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने एसपी राहुल शर्मा को भी पत्र लिखकर इस सम्बंध में त्वरित एक्शन लेने की गुजारिश की है। अपनी इस शिकायत में प्रोफेसर गर्ग ने कहा कि वर्ष 2018-19 मे भगत सिंह के पास पीएचडी करवाने के लिए कोई भी सीट खाली नहीं थी पर उन्होंने पूनम का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए नवम्बर 2018 में पहले अवैध इंटरव्यू कमेटी का गठन किया और फिर नियमों की धज्ज्यिां उडाते हुए अवैध रूप से एक गैर-शिक्षक कर्मचारी को कमेटी में शामिल कर लिया जबकि गैर-शिक्षक कर्मचारी का इस कमेटी से कोई लेना देना नहीं होता। इस कर्मचारी से षडयंत्र रचकर भगत सिंह ने पूनम को 10 में से 9.5 अंक दिलवा दिए जबकि भगत सिंह ने पूनम को खुद 5 में से 5.5 अंक देकर असम्भव काम को सम्भव कर दिखाया जबकि अन्य अभ्यर्थियों को केवल 2 से 3 अंक ही दिए गए। प्रो. गर्ग का कहना है कि भगत सिंह ने 9 जनवरी, 2019 को डिपार्टमेंटल कमेटी की बैठक बुलाई और उसमें केवल पंकज फौगाट नामक एक अभ्यर्थी के केस पर ही विचार किया गया मगर भगत सिंह ने धोखाधडी करते हुए इस बैठक की मिनटस में पूनम के केस को भी शुमार कर दिया। .गौर करने लायक बात यह है कि बात तो यह हे कि पूनम ने 5 फरवरी 2019 को रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया था मगर उसका केस 9 जनवरी, 2018 को कैसे पास कर दिया गया। इतना ही नहीं, पूनम के सिनोप्सिज अप्रूवल से लेकर उसका गाइड बनाने तक के हर कदम पर भगत सिंह ने हर बार पीएचडी नियमों की धज्जियां उड़ाई। ..इस बारे जब आवाज उठाई गई तो भगत सिंह ने 11 मार्च 2019 को तत्कालीन डीन एकेडमिक अफेयर्स को पत्र लिखकर अपनी गलती स्वीकार की तथा उनसे मीटिंग की प्रोसीडिंग्स स्वीकृत करवाने की गुहार लगाई। डीन ने भी नियमों को धत्ता बताते हुए प्रोसीडिंग्स स्वीकृत कर दी मगर ब्रांच के अधिकारियों ने मीटिंग को ही अवैध करार दे दिया। प्रो. गर्ग ने बताया कि उन्होंने इस फ्रॉड एडमिशन की शिकायत हायर अथॉरिटी को भी करते हुए पूनम का रजिस्ट्रेशन कैंसल करने के लिए मांग की हुई है। इसी का बदला लेने के लिए ही पूनम और भगत सिंह राठी उनके खिलाफ झूठी और निराधार शिकायतें कर रहे हैं मगर वे दोनों को चुनौती देते है कि वे किसी भी मंच पर आकर उनके साथ बहस करें। उनके पास दोनों के फ्रॉड के तमाम सबूत मौजूद है और वे इस फॉड का पर्दाफ़ाश करके ही दम लेंगे। Post navigation महम के विधायक बलराज कुंडू अचानक पहुंचे जिले में टॉप करने वाली मनीषा को सरप्राइज़ देने। स्कूल खुलते ही अपदस्थ पीटीआई टीचरों ने की धरने पर प्रार्थना सभा