भूमि रिकॉर्ड होगा डिजिटल ,किसी भी तहसील से करवा सकेंगे रजिस्ट्री, रमेश गोयत चंडीगढ़। भू.रिकॉर्ड आॅनलाइन का काम शुरू के कारण हरियाणा में 17 अगस्त तक किसी भी तहसील में रजिस्ट्री नही होगी। देश मे पहला राज्य हरियाणा होगा जहां भूमि रिकॉर्ड डिजिटल होगा और किसी भी तहसील में रजिस्ट्री करवा सकेंगे। इस पर काम शुरू हो गया है जहां भू-रिकॉर्ड के लिए कार्य शुरू हो गया है। जिसके कारण 17 अगस्त तक हरियाणा की तहसीलों में रजिस्ट्री के कार्यो को बन्द किया गया है। राज्य सरकार द्वारा भूमि हस्तांतरण के विलेखों के पंजीकरण के लिए मौजूदा तंत्र में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया है। आॅनलाइन प्रक्रिया के लिए काम जारी है। जिसमे सॉफ्टवेयर उपडेट हो रहे है इस कार्य के पूर्ण होने पर भूमि रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएगा। उसके बाद एक तहसील में दस्तावेज जमा होने के बाद किसी भी तहसील से रजिस्ट्री करवा सकेंगे। आॅनलाइन प्रक्रिया का कार्य पूर्ण होने पर देश मे पहला राज्य बनेगा हरियाणा जहाँ भूमि रिकॉर्ड डिजिटल होगा और किसी भी तहसील से हो सकेगी। रजिस्ट्री और इससे वर्कलोड कम होगा और लोगो को आॅनलाइन सुविधाएं उपलब्ध होगी। हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और प्रणाली-तत्परता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक प्रौद्योगिकी और डाटा-आधारित तंत्र का निर्माण करने के लिए अंतरिम उपाय के रूप में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) के तहत अल्प अवधि के लिए 22 जुलाई, 2020 से भूमि हस्तांतरण से संबंधित विलेख (डीड) के पंजीकरण पर अस्थायी रूप से रोक लगाने का निर्णय लिया है। हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और प्रणाली-तत्परता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक प्रौद्योगिकी और डाटा-आधारित तंत्र का निर्माण करने के लिए अंतरिम उपाय के रूप में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) के तहत अल्प अवधि के लिए 22 जुलाई, 2020 से भूमि हस्तांतरण से संबंधित विलेख (डीड) के पंजीकरण पर अस्थायी रूप से रोक लगाने का निर्णय लिया है। वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा भूमि हस्तांतरण के विलेखों के पंजीकरण के लिए मौजूदा तंत्र में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि उक्त निर्णय के अनुसार राज्य में उप-पंजीयक/संयुक्त उप-पंजीयक द्वारा 22 जुलाई, 2020 से 29 जुलाई, 2020 तक खण्ड 6 में निर्दिष्ट के अलावा जमीन हस्तांतरण के विलेख का पंजीकरण नहीं होगा। खण्ड (2) और खंड (3) में निर्दिष्ट भूमि के संबंध में पंजीकरण की अनुमति 30 जुलाई, 2020 से दी जाएगी। इसके अलावा, उप-पंजीयक/संयुक्त उप-पंजीयक द्वारा शहरी क्षेत्रों में स्थित भूमि, जोकि हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम, 1975 (समय-समय पर संशोधित) की धारा 7 ए के तहत घोषित/अधिसूचित हें और वे गाँव जहां जमाबंदी वर्तमान में आॅफÞलाइन हैं और वेब-हैलरिस पर उपलब्ध नहीं हैं, से संबंधित भूमि हस्तांतरण के विलेख का पंजीकरण 22 जुलाई, 2020 से 15 अगस्त, 2020 तक नहीं किया जा सकेगा। विजय वर्धन ने स्पष्ट किया कि उपरोक्त से संबंधित सभी ई- अपॉइंटमेंट तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं और इस संबंध में नई तारीखें प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी। विजय वर्धन ने बताया कि सभी उपायुक्तों-सह-रजिस्ट्रारों, तहसीलदारों-सह-उप-रजिस्ट्रारों, नायब-तहसीलदारों-सह-उप-रजिस्ट्रारों/संयुक्त उप-रजिस्ट्रारों को इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं और किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर निगरानी रखी जाएगी। विजय वर्धन ने स्पष्ट किया कि उपरोक्त से संबंधित सभी ई-अपॉइंटमेंट तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं और इस संबंध में नई तारीखें प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी। हालांकि, इन मामलों में जहां ई-स्टांप चालान (जीआरएन) सृजित किए गए हैं, जिनकी वैद्यता 180 दिनों की होती है, और यह 22 जुलाई, 2020 से 17 अगस्त, 2020 के मध्य समाप्त हो रही है, तो ऐसे चालानों की वैद्यता 30 दिनों के लिए बढ़ा दी जाएगी। Post navigation दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ली खुद फेल फिर भी दूसरों को पास कराने का देते हैं भरोसा