सर्वे आॅफ इंडिया की टीम इन गांवों का सर्वे करने के लिए पहुंची गुरूग्राम। 

गुरूग्राम, 21 जुलाई-गुरूग्राम जिला के 11 गांवों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए सर्वे आॅफ इंडिया की टीम मंगलवार को गुरूग्राम पहंुच गई है। बुधवार 22 जुलाई से सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा। इसकी शुरूआत जिला के सोहना ब्लाॅक से की जा रही है।

जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेन्द्र सारवान के अनुसार शुरूआत में जिला के सोहना ब्लाॅक के गांव जोलाका, बिलहाका, रहाका, चूहड़पुर,टोलनी, इसाकी, रानी का सिंघौला, भोगपुर, खुंटपुरी, रतिया का नवाबाद और निमौठ को लिया गया है जहां पर सर्वे आॅफ इंडिया की टीम ड्रोन से संपत्तियों का सर्वे शुरू करेगी। इस सर्वे के लिए 13 सदस्यीय टीम ने मंगलवार को गुरूग्राम पहुंचकर पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ संपर्क किया है। यह 13 सदस्यीय टीम दो हिस्सों में सर्वे का काम करेगी। एक हिस्सा ड्रोन से सर्वे करने के कार्य को देखेगा तो टीम का दूसरा हिस्सा ड्रोन से मिलने वाली इमेजरी तथा अन्य डाटा को कैप्चर करेगा। समझा जा रहा है कि यह टीम इस कार्य को लगभग एक सप्ताह में पूरा कर लेगी।

 गौरतलब है कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश के गांवों को लाल डोरा से मुक्त करना चाहती है ताकि लोगों को कानूनी रूप से आबादी देह में उनकी जमीन का मालिकाना हक मिल सके। यह अनूठी पहल करनाल जिला के गांव सिरसी से शुरू की गई। गांव सिरसी को इस वर्ष 26 जनवरी को हरियाणा ही नही देश का पहला लाल डोरा मुक्त गांव घोषित किया गया। अब चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य के गांवों को लाल डोरा मुक्त करवाने के लिए तेजी से ड्रोन सर्वे कर मैपिंग का कार्य किया जा रहा है। पंचायत विभाग के अधिकारियों के अनुसार 6 जून 2020 तक राज्य के 600 गांवों से ज्यादा गांवों में सर्वे के लिए चूना-मार्किंग का कार्य पूरा किया जा चुका है और इन गांवों में जल्द ही सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा ड्रोन सर्वे किया जाएगा।

सरकार का मानना है कि लाल डोरा अंग्रेजों के जमाने की प्रथा है। अब नया युग आई.टी का है। इस पुरानी प्रथा को सरकार खत्म कर रही है, जोकि आज की जरूरत है। लाल डोरा मुक्त होने पर गांवों में रहने वाले लोग अपने मकान की रजिस्ट्री करवा सकेंगे और वे कानूनी रूप से अपने मकान के मलिक बन जाएंगे। वे अपने मकान को बेच सकेंगे और खरीदने वाले को भी रजिस्ट्री करवानी होगी। यही नहीं, मकान मालिक अपने मकान पर भी लोन ले सकेगा। हरियाणा सरकार के इस कदम की केंद्र सरकार ने भी सराहना की गई है। गांवो में आबादी बढ़ने के साथ लाल डोरा के भीतर की जमीन कम पड़ने लगी थी जिसकी वजह से बार-बार मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के सामने प्रदेश के अनेको जगहों से लाल डोरा को बढ़ाने की मांग उठाई जा रही थी। मुख्यमंत्री ने इस समस्या का सदा के लिए समाधान करने का मन बनाया और गहन विचार विमर्श के बाद लाल डोरा को ही खत्म करने की योजना तैयार करवाई। इसका पहला प्रयोग करनाल जिला के गांव सिरसी में किया गया जहां की सफलता के बाद अब राज्य सरकार ने 30 अगस्त तक प्रदेश के 100 गांवों को लाल डोरा मुक्त करने का लक्ष्य रखा है जिसमें गुरूग्राम जिला के भी 11 गांव शामिल हैं। 

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