फीेस को लेकर एक बार फिर निजी स्कूलों ने दिखाई मनमानी, अभिभावकों ने शिकायत सीएम विण्डो पर की

भिवानी/मुकेश वत्स

 निजी स्कूलों पर अभिभावकों के साथ फीस को लेकर मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गांव लेघां भानान के रहने वाले दो अभिभावकों के साथ घटित  हुआ है। अभिभावकों का आरोप है कि तीन दिन पहले सीबीएसई ने कक्षा दसवीं का परीक्षा परिणाम घोषित किया है। एसएलसी जारी करने की एवज में स्कूल अप्रेल से लेकर जुलाई माह तक की टयूशन फीस मांग रहा है। अभिभावकों ने इसकी शिकायत सीएम विण्डो के माध्यम से प्रदेश के शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से की है।

गांव लेघा भानान निवासी विष्णु पुत्र बलबीर शर्मा ने आरोप लगाया कि उसके भाई जयनारायण की मृत्यु हो चुकी है। भाई जय नारायण के पुत्र विनित को वह आसलवास दुबिया स्थित सीनियर सकैण्डरी स्कूल में कक्षा दसवीं में पढ़ाता था। लॉकडाउन के कारण काम धंधे न होने के चलते इस बार उसने अपने भतीजे विनित का दाखिला रिजल्ट आने के बाद दूसरे स्कूल में करवाने का फैसला लिया था। जब स्कूल से फोन आया तो उसने स्कूल प्रबंधन को दाखिले के लिए मना कर दिया था। आज जब वह स्कूल में अपने भतीजे विनित की एसएलसी लेने गया तो स्कूल संचालक ने अप्रैल से लेकर जुलाई माह की टयूशन फीस जमा करवाने के बाद एसएलसी देने की बात कही।

विष्णु का आरोप है कि जब उसने कहा कि स्कूल प्रबंधन द्वारा जब उससे कक्षा 11वीं में दाखिले के बारे में पूछा गया तो उसने मौखिक रूप से मना कर दिया था और उनका बच्चा स्कूल भी नहीं आया। अब उनकी आर्थिक हालत ऐसी नहीं है कि वे लगभग 55 हजार रूपये वार्षिक फीस विनित की पढ़ाई पर खर्च करें। ऐसी ही आरोप गांव लेघा भानाना निवासी सुरेंद्र का है। सुरेंद्र का कहना है कि उसका पुत्र शिवेश भी कक्षा दसवीं में इसी स्कूल से उत्तीर्ण हुआ है। विष्णु व सुरेंद्र का आरोप है कि यह बात सुन कर स्कूल प्रबंधन ने कहा कि अगर फीस नहीं देते हो तो स्कूल ऑफिस से बाहर चले जाओ।

इस बारे में जब स्कूल के संचालक राजबीर से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश हैं कि अगर 31 मार्च से पहले अभिभावक एसएलसी के लिए आवेदन नहीं करते हैं तो अप्रैल से फीस शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वे तो सरकार के नियमों की पालना कर रहे हैं। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह का कहना है कि स्कूल संचालक द्वारा फीस मांगना अनुचित है। क्योंकि रिजल्ट ही दो-तीन दिन पहले आया है। टयूशन फीस लेना पूरी तरह से गलत है। अगर अभिभावक उनको शिकायत करते हैं तो इस बारे में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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