-पर्स लौटाकर धीरज शर्मा ने दिया ईमानदारी का परिचय, आभार राशी लेने से किया इंकार अशोक कुमार कौशिक नारनौल। खंड के गांव मुंडियाखेड़ा शमशेर का रुपयों व कागजात से भरा पर्स शनिवार को गांव से महेंन्द्रगढ़ जाते वक्त कहीं गिर गया। अपने पर्स गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज कराने ग्रामीणों के साथ शमशेर पहुंच भी गया था कि उसके मोबाईल पर दूसरी ओर से घंटी बजी कि भाई साहब धीरज शर्मा बोल रहा हूं। मुझे एक रुपयों से भरा पर्स मिला है, इसमें आपके दूसरे कागजात और मोबाईल नम्बर लिखे थे आप इसे ले सकते है। धीरज शर्मा ने महेंद्रगढ़ किले के पास पहुंचकर पूरी ईमानदारी के साथ शमशेर मुंडियाखेड़ा का रुपयों व एटीएम व जरूरी कागजात से भरा पर्स लौटा दिया। पवन मास्टर मुंडियाखेड़ा ने बताया कि पर्स में 5 हजार नगद रुपये, एटीएम कार्ड व जरूरी कागजात थे। पर्स लौटाने पर धीरज शर्मा बिहरी कलां बाढड़ा का सभी ने शुक्रिया अदा किया तथा उसे कुछ नगद ईनाम देना चाहा तो धीरज ने यह कह कर मना कर दिया की कुछ समय पूर्व पर्स के सारे रुपयें व एटीएम मेरे पास ही थे। मूझे तो अपने संस्कार व ईमानदारी दिखानी थी। मैं तुम्हारा पर्स लौटाकर बहुत खुश हूं। पर्स पाकर शमशेर व आस-पास खड़े लोगों ने धीरज शर्मा के बारे में कहा कि ईमानदारी अभी जिंदा है। Post navigation कोरोना महामारी में परीक्षाएं कराना छात्रों को मौत के मुंह में धकेलने के समान : शुभम कौशिक नोएडा के गुरूकुल में महेन्द्रगढ़ के गांव दौंगड़ा की छात्रा की हुई मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग